Thursday , 12 December 2024
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चक्काजाम : क्यों डरे देशभर के ड्राइवर, दोधारी तलवार है नया कानून, देशभर में चक्काजाम

देशभर में टैक्सी, बस और ट्रकों के ड्राइवरों ने चक्काजाम कर दिया है। इससे देशभर में आम लोग तो परेशान हो ही रहे हैं। जरूरी समग्री वाली सेवाओं पर भी असर दिखने लगा है। अगर चक्काजाम जारी रहा तो देश के कई हिस्सों में पेट्रोल-डीजल का भी संकट हो सकता है। पेट्रोल टैंकर चलाने वाले ड्राइवर भी हड़ताल पर चले गए हैं।

कानूनों में बदलाव
हाल ही में संसद में कानूनों में बदलाव किया गया है। भारतीय दंड संहिता का नाम बदलकर भारतीय न्याय संहिता कर दिया गया है। इसके बाद कई कानूनों की धाराएं बदल गई हैं। इतना ही नहीं कानूनों की परिभाषाएं भी बदल गई हैं। कई मामलों में तो सजा से लेकर जुर्माने से लेकर 10 साल तक की सजा के प्रावधान किए गए हैं।

हिट एंड रन पर बवाल
इन्हीं में से एक कानून हिट एंड रन का है, जिस पर बवाल मचा हुआ है। दरअसल हर साल करीब 50 हजार लोग सड़क पर हुए हादसों और समय पर अस्पताल न पहुंचाए जाने की वजह से मारे जाते हैं। ऐसे में हिट एंड रन कानून को सख्त कर दिया गया है। इसी को लेकर देश भर में ट्रक, टैक्सी और बस चालक आंदोलन पर उतरे हैं।

राज्यों में थमे वाहनों के पहिए
उत्तराखंड, यूपी, दिल्ली, बिहार, एमपी, हरियाणा, जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और राजस्थान समेत तमाम राज्यों में इसके खिलाफ आंदोलन हो रहा है। बसों और ट्रकों के चक्के जाम हैं और पेट्रोल तक की किल्लत होने लगी है। आइए जानते हैं, इस कानून में ऐसे क्या प्रावधान हैं, जिनसे देश भर में गाड़ी वालों के होश उड़ गए हैं और वे आंदोलन पर उतर आए हैं।

ये हुआ बदलाव
हिट एंड रन कानून को नई बनी भारतीय न्याय संहिता के सेक्शन 104 में समाहित किया गया है। इसके अनुसार यदि गलत ड्राइविंग या फिर लापरवाही के चलते यदि किसी व्यक्ति की मौत हो जाती है तो फिर वाहन चालक को अधिकतम 7 वर्ष की सजा होगी और जुर्माना भी लगेगा। सेक्शन 104 () में इसका जिक्र किया गया है। 104 बी में साफ लिखा गया है कि यदि कोई हादसा हो जाता है और गाड़ी से टक्कर के बाद ड्राइवर खुद मौके से या वाहन समेत भाग निकलता है तो उसे 10 वर्ष की सजा होगी।

बढ़ सकता है आंदोलन
इसमें लिखा गया है कि यदि हादसे के बाद चालक घटना की जानकारी पुलिस अधिकारी या फिर मजिस्ट्रेट को नहीं देता है तो उसे 10 साल तक की कैद हो सकती है और फाइन भी देना होगा। इसी प्रावधान को लेकर ड्राइवरों में उबाल है। फिलहाल बस, ऑटो, टैक्सी और ट्रक ड्राइवर ही आंदोलन कर रहे हैं, लेकिन यह सभी पर लागू होगा। ऐसे में निजी वाहन चालकों के लिए भी यह कानून चिंता का मसला है। ऐसे में आने वाले दिनों में हिट एंड रन को लेकर चल रहा आंदोलन बढ़ भी सकता है।

मजिस्ट्रेट को जानकारी देनी होगी
कानून के जानकारों का कहना है कि हिट एंड रन को लेकर नए सख्त प्रावधान एक चुनौती बढ़ा सकते हैं। दरअसल कहा गया है कि हादसे के बाद वाहन चालक को पुलिस या मजिस्ट्रेट को जानकारी देनी होगी। यदि वह पीड़ित को मरता छोड़कर भाग जाता है तो 10 साल तक की कैद होगी और फाइन लगेगा।

दोहरी मुसीबत
कानूनविदों की मानें तो यह दोहरी मुसीबत है। यदि हादसे के बाद ड्राइवर रुकता है और पीड़ित को अस्पताल पहुंचाने के बारे में विचार करता है तो भीड़ उसे पीट-पीटकर मार सकती है। ऐसी घटनाएं कई बार हो चुकी हैं। अब यदि वह नहीं रुकता है तो फिर 10 साल की सजा होगी। इस तरह यह कानून दोधारी तलवार हो सकता है और इसी वजह से विरोध जारी है। कई बार ऐसा भी होता है कि लोग अपनी लापरवाही से वाहों की चपेट में आ जाते हैं। नये कानून के अनुसार इसके लिए कोई प्रावधान नहीं किये गए हैं।

About प्रदीप रावत 'रवांल्टा'

Has more than 19 years of experience in journalism. Has served in institutions like Amar Ujala, Dainik Jagran. Articles keep getting published in various newspapers and magazines. received the Youth Icon National Award for creative journalism. Apart from this, also received many other honors. continuously working for the preservation and promotion of writing folk language in ranwayi (uttarakhand). Doordarshan News Ekansh has been working as Assistant Editor (Casual) in Dehradun for the last 8 years. also has frequent participation in interviews and poet conferences in Doordarshan's programs.
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