Wednesday , 4 December 2024
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उत्तराखंड : उपनल संयुक्त मोर्चा ने किया आर-पार की लड़ाई का ऐलान, 11 नवंबर को करेंगे सचिवालय कूच

  • आर-पार की लड़ाई को लेकर उपनल कर्मियों ने विभागों में शुरू की गेट मीटिंग।
  • उपनल संयुक्त मोर्चा ने 11 नवंबर की सचिवालय कूच महारैली में कर्मचारियों से की अधिक से अधिक संख्या में आने की अपील।

देहरादून। सुप्रीम कोर्ट के फैसले को लागू करने को लेकर उपनल कर्मियों ने अब आर-पार की लड़ाई का ऐलान कर दिया है। मोर्चा ने आगामी 11 नवंबर को एक महारैली के द्वारा सचिवालय कूच का आहृवाहन किया। आर-पार की लड़ाई और महारैली को सफल बनाने के लिए उपनल संयुक्त मोर्चा और महासंघ के पदाधिकारीयों ने विभागों में जाकर कर्मचारियों के साथ गेट मीटिंग की। 

पिछले माह 15 अक्टूबर को सुप्रीम कोर्ट ने प्रदेश सरकार की एसएलपी खारिज कर दी थी। वर्ष 2018 में नैनीताल हाईकोर्ट का उपनल कर्मियों के पक्ष में लिए गए निर्णय को सुप्रीम कोर्ट ने यथावत रखा। इसके बाद उपनल कर्मियों के प्रति सरकार की उदासीनता को लेकर कर्मचारी अब आर पार की लड़ाई के लिए तैयार हो गए हैं। जिसका पहला चरण 11 नवंबर को विशाल महारैली द्वारा सचिवालय कुछ का आयोजन है। 

उपनल संयुक्त मोर्चा और महासंघ प्रदेश कार्यकारिणी के पदाधिकारी ने सोमवार को महत्वपूर्ण आपातकालीन सेवाओं से संबंधित विभागों दून मेडिकल कॉलेज एवं चिकित्सालय, ऊर्जा निगम, वन विभाग सहित अन्य विभागों में पहुंचकर उपनल कर्मचारियों के साथ गेट मीटिंग की।

उपनल कर्मचारी संयुक्त मोर्चा के प्रदेश संयोजक विनोद गोदियाल ने कर्मचारियों का आहृवाहन करते हुए कहा कि उत्तराखंड हाईकोर्ट ने उपनल कर्मियों के पक्ष में वर्ष 2018 में अपना फैसला सुनाया था, जिसके खिलाफ प्रदेश सरकार सुप्रीम कोर्ट चले गई और वहां भी सरकार की एसएलपी को खारिज करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट का फैसला यथावत रखा। बावजूद उसके प्रदेश सरकार उपनल कर्मियों के नियमितीकरण मामले में उदासीन दिख रही है।

प्रदेश मीडिया प्रभारी प्रदीप चौहान ने कहा कि अपने हक की लड़ाई के लिए सभी उपनल कर्मियों को एक होकर सड़कों पर उतरना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि 11 नवंबर को एक महारैली द्वारा सचिवालय कूच भी किया जाएगा फिर भी सरकार यदि उपनल कर्मियों की मांगे नहीं मानती है तो अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने को कर्मचारियों मजबूर होंगे। 

महासंघ के कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष महेश भट्ट और महामंत्री विनय प्रसाद ने कहा कि सरकार यदि जल्द से जल्द उपनल कर्मियों के मामले में कोई ठोस निर्णय नहीं लेती तो 11 नवंबर के बाद प्रदेश की ऊर्जा, चिकित्सा और परिवहन जैसी आपातकालीन सेवाएं पूर्ण रूप से बंद कर दी जाएंगी जिसकी समस्त जिम्मेदारी सरकार की होगी।

गेट मीटिंग के दौरान महिला मोर्चा प्रदेश अध्यक्ष मीना रौथाण, जिला कार्यकारिणी देहरादून महामंत्री रमेश डोभाल भी मौजूद रहे।

 

About प्रदीप रावत 'रवांल्टा'

Has more than 19 years of experience in journalism. Has served in institutions like Amar Ujala, Dainik Jagran. Articles keep getting published in various newspapers and magazines. received the Youth Icon National Award for creative journalism. Apart from this, also received many other honors. continuously working for the preservation and promotion of writing folk language in ranwayi (uttarakhand). Doordarshan News Ekansh has been working as Assistant Editor (Casual) in Dehradun for the last 8 years. also has frequent participation in interviews and poet conferences in Doordarshan's programs.

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