देहरादून: किसी भी विभाग की वेबसाइट एक तरह से उस विभाग का मुखपत्र होता है। वेबसाइट में विभाग से जुड़ी सभी जानकारियां रहती हैं। वेबसाइट इसलिए बनाई जाती हैं, जिससे लोगों को छोटी-बड़ी सभी जानकारियां विभाग के बारे में मिलती रहें।
बदलता दौर डिजिटलाइजेशन का है। ऐसे दौर में जब सकुछ ऑनलाइन हो रहा है। विभाग की वेबसाइट ही ठप पड़ी हुई है। सिंचाई विभाग के अधिकारियों तक को इसकी जानकारी नहीं है। सवाल यह है कि इस लापरवाही के लिए कौन जिम्मेदार है?
दरअसल, पहाड़ी समचार की टीम को किसी खबर के लिए किसी जिले के अधिशासी अभियंता का नंबर चाहिए था। कहीं से नंबर हासिल करने के बजाय टीम ने सीधे विभाग की वेबसाइट का रुख किया। वेबसाइट का डोमेन जैसे ही सर्च इंजिन में सर्च करने का प्रयास किया तो वहां एकाउंट स्पेंडेड का मैसेज लिखा आया।
हमने इसको कंफर्म करने के लिए विभाग के ऑफिस नंबर पर संपर्क किया। जैसी उम्मीद थी, ठीक वैसा ही हुआ। हमें वहां से कहा गया कि वेबसाइट से नंबर देख लीजिए। हमने उनसे ही वेबसाइट को चेक करने के लिए कहा। जैसे उन्होंने चेक किया तो वेबसाइट का अकाउंट सस्पेंड होने की पुष्टि हो गई।
इसके बाद हमने इस बारे में विभाग के मुखिया से बात करनी चाहिए। उनसे तो बात नहीं हो पाई, लेकिन उनके व्यैक्तिक सहायक दीपक दीक्षित से बात हो गई। उनका भी यही कहना था कि उनको इसके बारे में कोई जानकारी नहीं है और ना ही किसी ने अब तक इस बात की सूचना दी है।
अब आप अंदाजा लगा सकते हैं कि विभाग कितना मुस्तैद है। जिस विभाग के अधिकारी अपने ही विभाग की वेबसाइट को चेक नहीं करते। उस विभाग में क्या हालात होंगे, इसका अनुमान लगाया जा सकता है। अब देखना होगा कि वेबसाइट कब तक फिर चालू हो पाती है?