Friday , 22 November 2024
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उत्तराखंड : शिक्षक दिनेश रावत ने फिर बढ़ाया रवांई का मान, मिला “देवभूमि शिक्षा उत्कृष्टता सम्मान”

हल्द्वानी: शिक्षा विभाग में अपनी रचनात्मकता के लिए पहचान रखने वाले शिक्षक दिनेश रावत को मिलने वाले सम्मानों की फेहरिस्त एक और सम्मान जुड़ गया है। उनको अमर उजाला और MIT की ओर से “देवभूमि शिक्षा उत्कृष्टता समान” से सम्मानित किया गया है। समारोह का आयोजन MIT कुमाऊं के लामाचौड़, हल्द्वानी स्थित परिसर में किया गया।

समारोह के दौरान मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शैक्षिक व सह-शैक्षिक गतिविधियों में उत्कृष्ट प्रदर्शन के आधार पर प्रदेशभर के विद्यालयों और महाविद्यालयों से चयनित अध्यापक/ प्राध्यापकों को ‘देवभूमि शिक्षा उत्कृष्टता समान’ से सम्मानित किया। सम्मानित होने वाले शिक्षकों में सीमांत उत्तरकाशी के रवांई क्षेत्र के कोटी, बनाल निवासी शिक्षक दिनेश सिंह रावत भी शामिल हैं, जो वर्तमान में हरिद्वार जनपद के बहादराबाद विकास खंड के राजकीय प्रा.वि.न.-4 में सेवारत हैं।

कौन हैं दिनेश रावत

दिनेश रावत वह शिक्षक हैं, जो जिस भी स्कूल में जाते हैं। उस स्कूल को अपना बना लेते हैं। बच्चों को पढ़ाने के उनके तरीके ऐसे होते हैं कि बच्चे खेल-खेल में बहुत कुछ सीख जाते हैं। अपने शिक्षण कौशल से उन्होंने बच्चों को ना केवल अच्छी शिक्षा दी, बल्कि उनमें अपनी लोक संस्कृति की भी अलख जगाई।

उत्कृष्ट शिक्षक के रूप

वर्ष 2020-21 में शिक्षक दिवस के दिन प्रदेश के मुख्यमंत्री के हाथों ‘टीचर्स आफ दी ईयर-2021’ वर्ष 2022 में उत्तराखण्ड विज्ञान शिक्षा एवं अनुसंधान केन्द्र द्वारा ‘विज्ञान शिक्षक प्रसार सम्मान’ और इस वर्ष ‘देवभूमि शिक्षा उत्कृष्टता समान’ प्राप्त हुए हैं।

यह सम्मान भी मिला

कोविड-19 से हुई अधिगम क्षतिपूर्ति हेतु प्रभावी शिक्षण प्रक्रिया के लिए निदेशक, अकादमिक शोध एवं प्रशिक्षण तथा राज्य प्रमुख अजीम प्रेमजी फाउंडेशन द्वारा प्रशस्ति पत्र तथा इसी अक्टूबर माह में निदेशालय से विद्यालय अनुश्रवण के लिए पहुंचे विभागीय उच्च अधिकारियों ने कक्षा शिक्षण एवं शिक्षा में नवाचार पर उनका प्रदर्शन उत्कृष्ट पाया और माह का श्रेष्ठ संवेदनशील शिक्षक सम्मान देकर प्रयासों की सराहना की।

साहित्य सृजन

दिनेश रावत साहित्य सृजन में भी अहम योगदान दे रहे हैं। ना केवल हिंदी, बल्कि अपनी लोक भाषा रवांल्टी को भी समृद्ध करने का काम कर रहे हैं। उनकी अब तक 3 कविता संग्रह, 2 रवांई के समाज व संस्कृति पर और एक रवांल्टी (लोक भाषा) कविता संग्रह शामिल हैं। हिमालयी सरोकारों को समर्पित प्रतिष्ठित पत्रिका ‘हिमांतर’ के अतिथि संपादक होने के साथ ही देश के अलग-अलग हिस्सों से प्रकाशित होने वाले पत्र-पत्रिकाओं में भी उनके आलेख निरंतर प्रकाशित होते रहते हैं। दूरदर्शन की लोकभाषा कवि गोष्ठियां हों या साहित्यकी कार्यक्रम वह रवांल्टी कविता के साथ उपस्थित रहते हैं तो आकाशवाणी के ग्राम जगत कार्यक्रम में उनकी वार्ताएं प्रसारित हो चुकी हैं।

पहली बार पत्रिका प्रकाशन किया

शिक्षक दिनेश रावत ने पिथौरागढ़ जिले के मेतली जैसे दुर्गम स्कूल में पहली बार पत्रिका का प्रकाशन किया, जहां करीब 15 किलोमीटर पैदल जाना पड़ता है। ऐसे स्कूल को एक आदर्श स्कूल के रूप में सबके सामने रखा, जिस स्कूल के बारे में पहले कोई जानता भी नहीं था। लेकिन, उनके प्रयासों से प्राथमिक विद्यालय मेतली को पिथौरागढ़ जिले में तो पहचान मिली ही। साथ ही राज्यभर में मेतली प्राथमिक  विद्यालय के नाम को लोगों ने जाना और पहचाना।

ई-कंटेंट तैयार करने में महत्वपूर्ण भूमिका

हरिद्वार जिले में स्थानांतरण के बाद भी दिनेश रावत लगातार शिक्षा के क्षेत्र में सराहनीय कार्य कर रहे हैं। हरिद्वार जिले में उन्होंने कोरोना काल में बच्चों के लिए ई-कंटेंट तैयार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने कक्षावार पाठों के वीडियो बनाकर बच्चों की पढ़ाई को आसान बनाने का काम किया।

कोरोना योद्धा

कोरोना के सबसे खतरनाक दौर में भी अहम भूमिका निभाई इतना ही नहीं, शिक्षक दिनेश रावत ने कोरोना के सबसे खतरनाक दौर में भी अहम भूमिका निभाई। उन्होंने एक कोरोना योद्धा के रूप में काम किया। जब लोग अपने घरों में थे, दिनेश रावत बच्चों को पढ़ाने के साथ ही कोरोना काल में रेलवे स्टेशन और बस स्टेशनों पर बाहर से आने वाले लोगों की चेकिंग और जांच में जुटे हुए थे।

सामाजिक कार्यों में भी हिस्सेदारी

शिक्षक दिनेश रावत सामाजिक कार्यों में भी हिस्सेदारी निभाते हैं। साहित्य के क्षेत्र में एक मुकाम की ओर बढ़ रहे हैं। उनकी अब तक पांच पुस्तकें भी प्रकाशित हो चुकी हैं। उनमें कविता संग्रह और रंवाई क्षेत्र के लोक पर आधारित पुस्तकें हैं। साथ ही स्थानीय बोली-भाषा के उत्थान के लिए भी लगातार काम कर रहे हैं।

उत्कृष्ठ शिक्षक के रुप में भी सम्मानित

वहीं, कई संगठन एवं संस्थाओं द्वारा साहित्यक और सामाजिक में उल्लेखनीय अवदान हेतु सम्मानित किया गया तो दूरस्थ पिथौरागढ़ जनपद के नेपाल सीमा से सट्टे धारचूला विकास खंड के मेतली में रहते हुए शिक्षा विभाग द्वारा तीन बार विकास खंड स्तर पर मासिक उत्कृष्ठ शिक्षक के रुप में भी सम्मानित हो चुके हैं।

सराहनीय सेवाएं दीं

दिनेश रावत को राष्ट्रीय युवा पुरस्कार भी मिल चुका है। उन्होंने शिक्षा विभाग में आने से पहले लोक कला के क्षेत्र में बेहतरीन कार्य किए। साथ ही स्वास्थ्य विभाग में भी सराहनीय सेवाएं दीं। इसके लिए उनको बेस्ट प्रोग्राम मैनेजर के रूप में भी सम्मानित किया गया। युवाओं को लोक कला और थियेटर के क्षेत्र में प्रशिक्षण भी दे चुके हैं।

उपलब्धियां

1. बच्चों के भाषाई कौशल विकसित करने और बाल रचनात्मकता व सृजन क्षमता को प्रोत्साहित करने के लिए विद्यालय की बाल पत्रिका का प्रकाशन।

2. कक्षा शिक्षण को रुचिकर बनाने के लिए शिक्षण में आईसीटी, कठ पुतली कला, पाठों का नाटकीय रूपांतरण एवं गतिविधि आधारित शिक्षण भी उनकी शिक्षण विधा का अहम हिस्सा है।

3. दूरस्थ और ग्रामीण क्षेत्र के बच्चों के सुविधा के लिए विद्यालय में पुस्तकालय की स्थापना कराने जैसे बेहतरीन काम किए।

4. स्वच्छता को प्रोत्साहित करने हेतु आओ संवारे खुद को।

5 विद्यालय में प्रतिवर्ष प्रवेश उत्सव एवं वार्षिक उत्सव का आयोजन।

6. सामुदायिक सहयोग से विद्यालय सौन्दर्यकरण।

7. शिक्षक की अब तक 6 मौलिक पुस्तकें एवं देशभर की विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं सेकंडों आलेख प्रकाशित हो चुके हैं।

8. शिक्षक स्टेट रिसोर्स पर्सन के रूप में भी शिक्षक प्रशिक्षण, प्रशिक्षण साहित्य निर्माण में समय-समय पर प्रतिभाग करते रहें हैं।

9. समाज सेवा एवं राष्ट्रीय विकास में उल्लेखनीय योगदान हेतु शिक्षक वर्ष 2009 में भारत के महा महिम उपराष्ट्रति के ओर से राष्ट्रीय पुरस्कार से भी सम्मानित किया जा चुका है।

 

About प्रदीप रावत 'रवांल्टा'

Has more than 19 years of experience in journalism. Has served in institutions like Amar Ujala, Dainik Jagran. Articles keep getting published in various newspapers and magazines. received the Youth Icon National Award for creative journalism. Apart from this, also received many other honors. continuously working for the preservation and promotion of writing folk language in ranwayi (uttarakhand). Doordarshan News Ekansh has been working as Assistant Editor (Casual) in Dehradun for the last 8 years. also has frequent participation in interviews and poet conferences in Doordarshan's programs.

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