आपने सरकारी कार्यालयों और अन्य संस्थानों में ED और CBI की छापेमारी देखी और सुनी भी होगी। इससे जुड़ी खबरें आए दिन सामने आती रहती हैं। लेकिन, हिमाचल में एक ऐसा मामला सामने आया है, जिसके बारे में जानकर आप चौंक जाएंगे।
भ्रष्टाचार से जुड़े एक मामले में CBI चंडीगढ़ की टीम ने शिमला के स्ट्रॉबेरी हिल्स स्थित ED के ऑफिस में छापेमारी की। सीबीआई की दबिश से पहले ही रिश्वत का आरोपी ED का डिप्टी डायरेक्टर एक बिचौलिए के साथ फरार हो गया। डिप्टी डायरेक्टर कार्यालय को घंटों खंगालने के बाद सीबीआई ने कई फाइलें और अन्य दस्तावेज कब्जे में ले लिए हैं। बताया जा रहा है कि आरोपी अवैध वसूली की रकम भी साथ ले गए हैं।
आरोपियों की तलाश में सीबीआई की टीमें अब जगह-जगह दबिश दे रही हैं। डिप्टी डायरेक्टर के शिमला स्थित आवास पर भी रेड की गई है। मंगलवार देर शाम तक CBI की टीम शिमला में ईडी के दफ्तर को खंगालती रही। शिमला में ईडी के डिप्टी डायरेक्टर के पास धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA) से संबंधित एक मामले की जांच चल रही थी।
आरोप है कि मामले को निपटाने की एवज में डिप्टी डायरेक्टर की ओर से बिचौलिए के जरिये आरोपियों से लाखों रुपये मांगे थे। इस संबंध में आरोपियों की ओर से चंडीगढ़ में CBI को लिखित शिकायत दे दी गई। मामला ईडी के डिप्टी डायरेक्टर से जुड़ा था, ऐसे में आलाधिकारियों के दिशा-निर्देशानुसार जांच के लिए स्पेशल टीम गठित की गई।
शिकायतकर्ता पक्ष व बिचौलिए के बीच CBI ने एक मीटिंग भी करवाई। इसमें उनके बीच पैसों के लेनदेन को लेकर रिकॉर्डिंग भी करवाई गई। इसकी भनक ED के डिप्टी डायरेक्टर को भी लग गई और वह बिचौलिए के साथ फरार हो गया। चंडीगढ़ CBI की ओर से उसके खिलाफ भ्रष्टाचार सहित अन्य धाराओं में केस दर्ज किया गया।
क्रिसमस की छुट्टी पर भी ED कार्यालय के अन्य अधिकारियों और कर्मचारियों को दफ्तर बुलाया था। ED के दफ्तार में CBI की रेड का यह मामला चर्चा में है। यह दोनों केंद्रीय जांच एजेंसियां हैं। ED धन शोधन से संबंधित मामले की जांच करती है, जबकि CBI भ्रष्टाचार से जुड़े मामले की जांच करती है।
CBI की टीम ने मंगलवार सुबह ही ED के दफ्तर में दबिश दी। इसके बाद कार्यालय में मौजूद कर्मियों में से न तो किसी को बाहर जाने दिया गया और न ही किसी को अंदर आने दिया गया। मंगलवार को शुरू हुई रेड बुधवार देर शाम तक जारी रही। 36 घंटों से CBI, ED के दफ्तर में दस्तावेजों को खंगालती रही।