टोक्यो : पैरालंपिक गेम्स में भारत का जबरदस्त प्रदर्शन जारी है। टीम इंडिया अब तक कुल 12 मेडल्स जीत चुकी है। यानी पिछले सभी पैरालंपिक गेम्स का रिकॉर्ड काफी अंतर से पीछे छूट चुका है। वहीं अब बैडमिंटन खिलाड़ी मनोज सरकार ने उत्तराखंड समेत देश को खुशखबरी दी है।
बेहतर तालमेल और जबरदस्त स्मैश की बदौलत जीत हासिल कर मनोज सरकार बैडमिंटन प्रतिस्पर्धा के सेमीफाइनल में पहुंच गए हैं। आज खेले गए मैच में मनोज ने 28 मिनट में ही तीन सेट के इस मैच को 2-0 से जीत लिया। मनोज ने इस मैच में यूक्रेन के अलेक्जेंडर चिरकोव को हराया।
इस जीत के साथ ही उत्तराखंड के अर्जुन अवार्डी मनोज सरकार ने कांस्य पदक पक्का कर लिया है। टोक्यो में पांच सितंबर तक चलने वाले पैरा बैडमिंटन की एस एल-3 श्रेणी में उत्तराखंड के एकमात्र अंतरराष्ट्रीय पैरा बैडमिंटन खिलाड़ी मनोज सरकार ने प्रतिभाग किया है। मनोज सरकार ने पहले सेट में ही 15 मिनट में 21-16 के स्कोर से बढ़त हासिल की। दूसरे सेट में चले मुकाबले के 13 मिनट में 21-9 के स्कोर से अलेक्जेंडर को हरा दिया।
मनोज सरकार का जन्म ऊधमसिंह नगर जिले के रुद्रपुर तराई के जिला मुख्यालय में गरीब परिवार में हुआ था। बचपन में दवा के ओवरडोज से उनके एक पैर ने काम करना बंद कर दिया था। घर की आर्थिक स्थिति ठीक न होने के चलते वह अच्छे डॉक्टर से पांव का इलाज नहीं करा पाए थे।
आर्थिक तंगी के चलते मनोज को बचपन में साइकिल में पंचर जोड़ने, खेतों में दिहाड़ी पर मटर तोड़ने और घरों में पीओपी के काम करने पड़े थे। बचपन से ही उन्हें बैडमिंटन खेलने का शौक था। उनकी मां जमुना सरकार ने मजदूरी से जुटाए रुपयों से उनको बैडमिंटन खरीदकर दिया था।
पांव में कमजोरी के चलते लोग उन्हें कई बार चिढ़ाते भी थे। इससे परेशान होकर उन्होंने बैडमिंटन खेलने का विचार छोड़ दिया था। फिर टीवी में बैडमिंटन की वॉल प्रैक्टिस (दीवार में शटल को मारकर प्रैक्टिस) देखने के बाद उन्होंने घर पर ही अभ्यास शुरू किया था। मनोज को यह मुकाम आसानी से नहीं बल्कि बेहद संघर्षों के बाद हासिल हुआ है।