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उत्तराखंड: 2021 में 300 से ज्यादा लोगों की गई जान, 61 से ज्यादा लापता, यहां हुई सबसे ज्यादा मौतें

देहरादून: उत्तराखंड आपदा के हिलाज से हमेशा से ही बेहद संवेदनशील रहा है। समय-समय पर बड़ी आपदाएं भी आती रही हैं। बड़ी आपदाओं के अलावा छोटी-छोटी घटनाएं भी होती रहती हैं। इन आपदों में जहां लोगों की मौते होती हैं। वहीं, राज्य को हर साल हजारों करोड़ का नुकसान भी उठाना पड़ता है।

2021 के गहरे जख्म
हर साल किसी कुछ ना कुछ अच्छा और बुरा गठित होता है। यह जाहिर सी बात है कि हमेशा अच्छा ही अच्छा और बुरा ही बुरा नहीं हो सकता। प्रकृति अपना संतुलन बना ही लेती है। लेकिन, कुछ ऐसे जख्म होते हैं, जिनको चाह कर भी भुलाया नहीं जा सकता। कुछ ऐसी ही जख्म साल 2021 दे गया। कुछ ऐसी घटनाएं हुई, जिन घटनाओं ने कई लोगों की जानें ले ली।

पूरे साल 300 से ज्यादा मौतें
अगर साल 2021 की बात करें तो सरकार आंकड़ों के अनुसार राज्यभर में 300 से अधिक लोगों ने आपदा में अपनी जान गंवाईं और 61 से अधिक लोग लापता हुए। चार दिन बाद हम नए साल 2022 में प्रवेश कर जाएंगे। नए साल से सभी को बेहतर होने की उम्मीदें होती हैं। ये उम्मीदें कितनी पूरी हो पाती हैं, यह तो आने वाला साल ही बता पाएगा।

 

2021 को पीछे छोड़ जाएंगे
लेकिन, पिछले साल यानी 2021, जिसे हम पीछे छोड़ जाएंगे, उसमें क्या कुछ रहा, उसका हिसाब भी लगाना जरूर है। आपदाओं की बात करें तो इस साल बाढ़, बादल फटने, एवलांच, लैंडस्लाइड और अतिवृष्टि के कारण लोगों को जान गंवानी पड़ी। सड़कों को बुरा हाल हो गया। कई सड़कें ऐसी भी हैं, जिन पर आज तक फिर से यातायात सुचारू नहीं हो पाया है। कुछ जगहों पर नए सिरे से सड़कें बनानी पड़ रही हैं।

यहां 200 से ज्यादा मौतें
सड़कों को दुरुस्त करने में तीन सौ करोड़ से अधिक का बजट खर्च करना पड़ा। सात फरवरी, 2021 को चमोली जिले में हिमस्खलन के बाद ऋषि गंगा में आई भीषण बाढ़ में 200 भी अधिक लोगों ने अपनी जान गंवाई थी। कई लापता लोगों का आज तक पता नहीं चल पाया। इस बाढ़ में एक पावर प्रोजेक्ट लगभग पूरी तरह तबाह हो गया था। इस घटना में अब तक 172 मृतकों के मृत्यु प्रामण पत्र जारी किए जा चुके है। 50 लापता लोगों को मृत्यु प्रमाण पत्र अब भी जारी किए जाने हैं।

यहां 80 लोगों की मौत
अक्तूबर में भारी बारिश ने बड़ी तबाही मचाई। इस आपदा में भी 80 से अधिक लोगों की जान चली गई और संपत्ति का बड़ा नुकसान हुआ। मानसून के लौट जाने के बाद प्रदेश में 17, 18 और 19 हुई अतिवृष्टि ने 80 से अधिक लोगों की जान ले ली। लोगों के घर, खेत, सड़कें और पुल बर्बाद हो गए। इस भीषण आपदा में कुमाऊं में गढ़वाल से अधिक नुकसान हुआ। अकेले नैनीताल जिले में ही 36 लोगों की मौत हो गई थी।

कहां कितनी मौतें
इसके अलावा चंपावत में 12, उत्तरकाशी में 10, अल्मोड़ा में 6, बागेश्वर में 6, ऊधमसिंह नगर में 2 पौड़ी में 3, पिथौरागढ़ में 3 और चमोली में भी 3 लोगों की मौतें हुई। इसके अलावा अन्य हादसों में भी बड़ी संख्या में लोगों ने अपनी जाने गंवाई। सड़क हादसों की बाता करें तो हर रोज कोई ना कोई हादसा होता ही रहता है। लेकिन, कुछ बड़े हादसों ने पूरे प्रदेश को झकझोर कर रख दिया।

आपदा मृतक घायल  लापता 
भूस्खलन  24  17 01
अतिवृष्टि 84  41 59
आकाशीय बिजली  01 05 00
आंधी-तूफान  01 00 00
हिमस्खलन 193 24 01
कुल  303 87 61

About प्रदीप रावत 'रवांल्टा'

Has more than 19 years of experience in journalism. Has served in institutions like Amar Ujala, Dainik Jagran. Articles keep getting published in various newspapers and magazines. received the Youth Icon National Award for creative journalism. Apart from this, also received many other honors. continuously working for the preservation and promotion of writing folk language in ranwayi (uttarakhand). Doordarshan News Ekansh has been working as Assistant Editor (Casual) in Dehradun for the last 8 years. also has frequent participation in interviews and poet conferences in Doordarshan's programs.

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