Friday , 22 November 2024
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उत्तराखंड: बर्खास्त कर्मचारियों को राहत, कॉमरेड इंद्रेश मैखुरी ने सरकार को ठहराया जिम्मेदार

देहरादून: कॉमरेड इंद्रेश मैखुरी ने सरकार को एक बार फिर आड़े हाथों लिया है. भाकपा (माले) के गढ़वाल सचिव कॉमरेड मैखुरी ने कहा कि विधानसभा के बर्खास्त कर्मचारियों की नियुक्ति पर उच्च न्यायालय से लगी रोक दर्शाती है कि यह कार्यवाही सिर्फ स्टंटबाजी थी.

इन कर्मचारियों की नियुक्ति में वैधानिक प्रक्रिया नहीं अपनाई गयी और इन्हें हटाते समय भी किसी वैधानिक प्रक्रिया का अनुपालन किया गया.

विडंबना यह है कि इस अवैधानिकता का लाभ नियुक्ति और बर्खास्तगी, दोनों ही बार बैक डोर इंट्री से आये कर्मचारियों को हुआ.

विधानसभा के इन बर्खास्त कर्मचारियों को बच निकलने का यह रास्ता इसलिए दिया गया क्योंकि पूर्व विधानसभा अध्यक्षों के करीबी हैं, उनकी कृपा से विधानसभा में नियुक्ति पाए हुए हैं.

अदालती रास्ते के राज्य की सत्ता में बारी बारी बैठने वाले भाजपा-कांग्रेस के चहेतों को अवैधानिक तरीके से बच निकलने का रास्ता भाजपा सरकार द्वारा दिया गया है.

प्रदेश के आम युवाओं के साथ पुनः छल किया गया है. मेहनत से प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वालों के मुँह पर यह करारा तमाचा है.

विधानसभा में बैक डोर से नियुक्ति पाए कर्मचारियों को यह बच निकलने का रास्ता इसलिए मिल पाया क्योंकि उनको नियुक्त करने वालों यानि विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष गोविंद सिंह कुंजवाल और प्रेम चंद्र अग्रवाल के विरुद्ध कोई कार्यवाही अमल में नहीं लाई गयी.

कानूनी रूप से गलत नियुक्ति पाने वाले से गलत नियुक्ति करने वाला अधिक जिम्मेदार है. लेकिन उत्तराखंड सरकार और विधानसभा अध्यक्ष द्वारा जानबूझ कर इस कानूनी पहलू की उपेक्षा की गयी.

भाकपा (माले) की ओर से 19 सितंबर को विधानसभा अध्यक्ष को पत्र लिख कर यह माँग की गयी थी और हम पुनः यह दोहराना चाहते हैं कि विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष गोविंद सिंह कुंजवाल और प्रेम चंद्र अग्रवाल के विरुद्ध भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम,1988 एवं अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम 1989 के तहत मुकदमा दर्ज करके उनको गिरफ्तार किया जाए. यह कार्यवाही अमल में लाने के बाद ही बर्खास्त कर्मचारियों की बर्खास्तगी को अदालत में सही ठहराया जा सकेगा।

अन्यथा की दशा में तो यह स्पष्ट है कि पुष्कर सिंह धामी सरकार और विधानसभा अध्यक्ष इन कर्मचारियों की बर्खास्तगी के स्टंट पर वाहवाही बटोर कर इन्हें बच निकलने का रास्ता दे रहे हैं.

About प्रदीप रावत 'रवांल्टा'

Has more than 19 years of experience in journalism. Has served in institutions like Amar Ujala, Dainik Jagran. Articles keep getting published in various newspapers and magazines. received the Youth Icon National Award for creative journalism. Apart from this, also received many other honors. continuously working for the preservation and promotion of writing folk language in ranwayi (uttarakhand). Doordarshan News Ekansh has been working as Assistant Editor (Casual) in Dehradun for the last 8 years. also has frequent participation in interviews and poet conferences in Doordarshan's programs.

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