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UKSSSC : एक और भर्ती की खुली फाइल, 24 प्रश्न हल करके बन गई थी टॉपर!

उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग पिछले कुछ समय से लगातार भर्ती घपलों के कारण सुर्खियों में है। इसी क्रम में अब एक और भर्ती परीक्षा की जांच के निर्देश दिए।गए। इसके लिए पुलिस की याचना पर सीजेएम कोर्ट से दस्तावेज उपलब्ध कराने के आदेश हो गए हैं। इस परीक्षा में कथित तौर पर केवल 24 प्रश्न हल करके युवती टॉपर बन गई थी।

दरअसल, UKSSSC द्वारा आयोजित परीक्षाओं में एक के बाद एक घपलों के खुलासे से सभी भर्ती परीक्षाएं संदेह के दायरे में आ गई। लिहाजा, डीजीपी अशोक कुमार के आदेश पर एडीजी (कानून व्यवस्था) वी. मुरुगेशन ने दून के एसएसपी को पत्र लिख 24 सितंबर को 2018 की कनिष्ठ सहायक भर्ती परीक्षा में दर्ज मुकदमे की दोबारा जांच के आदेश दे दिए। इसमें टॉपर रह चुकी एक युवती दोबारा जांच के दायरे में आ गई है।

इस मामले में जनवरी 2020 को अनु सचिव राजन नैथानी ने कोतवाली में मुकदमा दर्ज करवाया था। लेकिन, तब पुलिस ने महज सीसीटीवी फुटेज के आधार पर ओएमआर शीट से छेड़छाड़ की किसी भी संभावना से इनकार करते हुए एफआर लगा दी थी, जिसे कोर्ट में दाखिल किया गया था। जबकि, मूल ओएमआर शीट की जांच में पता चला था कि दोनों प्रतियों में गोलों में अंतर था। डीजीपी अशोक कुमार का कहना है कि, UKSSSC की कई भर्तियों में गड़बड़ियां मिलने के बाद इस भर्ती में भी टॉपर की दोबारा जांच करवाई जा रही है।

डीजीपी अशोक कुमार के आदेश के बाद कोतवाली के दारोगा नवीन चंद जुराल की ओर से सीजेएम कोर्ट में प्रार्थना पत्र दिया गया। उन्होंने अंतिम रिपोर्ट (एफआर) और सीडी जांच के लिए उपलब्ध कराने की याचना की, जिसे सीजेएम लक्ष्मण सिंह की कोर्ट ने स्वीकार कर लिया। दरोगा नवीन जुराल दोबारा इस प्रकरण की जांच कर रहे हैं।

गौरतलब है कि, 25 नवंबर 2018 को कनिष्ठ सहायक के 100 से ज्यादा पदों पर भर्ती परीक्षा हुई थी। लेकिन, विवाद होने पर इसकी जांच करवाई गई। इस दौरान दून की एक युवती की ओएमआर शीट में छेड़छाड़ की बात उजागर हुई। तब पुलिस जांच में सामने आया कि, आरोपियों ने आपराधिक साजिश रचकर युवती को लाभ पहुंचाने के लिए कूटरचना की।

पुलिस जांच में पता चला कि ओएमआर शीट की प्रतियों में लगे गोलों में अंतर है। युवती ने कथित तौर पर 24 प्रश्न हल किए और वह इस परीक्षा में पहले नंबर पर आ गई। ओएमआर शीट में छेड़छाड़ की शुरुआती पुष्टि के बावजूद विवेचक ने दिसंबर 2021 में कोर्ट में एफआर दाखिल कर दी।

महज इस आधार पर फाइल बंद कर दी गई थी कि सीसीटीवी फुटेज के आधार पर प्रथमदृष्यता दस्तावेजों में छेड़छाड़ की कोई संभावना प्रतीत नहीं होती है।

About प्रदीप रावत 'रवांल्टा'

Has more than 19 years of experience in journalism. Has served in institutions like Amar Ujala, Dainik Jagran. Articles keep getting published in various newspapers and magazines. received the Youth Icon National Award for creative journalism. Apart from this, also received many other honors. continuously working for the preservation and promotion of writing folk language in ranwayi (uttarakhand). Doordarshan News Ekansh has been working as Assistant Editor (Casual) in Dehradun for the last 8 years. also has frequent participation in interviews and poet conferences in Doordarshan's programs.

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