Friday , 22 November 2024
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GST परिषद की बैठक में कई बड़े फैसले, ये मिली राहत

नई दिल्ली : वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में हुई GST  परिषद की बैठक में कई बड़े फैसले हुए हैं। इस बैठक में जीएसटी कानून का गैर अपराधीकरण करने पर सहमति बनी है। इसके साथ दाल की भूसी की GST पांच प्रतिशत से घटाकर शून्य कर दिया है। हालांकि इस बैठक में पान मसला और गुटखा उत्पादों पर टैक्स बढ़ाने को लेकर कोई भी फैसला नहीं हो पाया है।

बैठक के बाद राजस्व सचिव संजय मल्होत्रा की ओर से कहा गया कि GST परिषद ने कुछ अपराधों के गैर-अपराधीकरण पर सहमति जताई है। इसके साथ अभियोजन शुरू करने के लिए मौद्रिक सीमा को दोगुना कर दो करोड़ रुपये कर दिया गया है। इससे Ease of Doing Business में सहायता मिल सकती है।

GST परिषद की ओर से लोगों के लिए भी राहत भरी खबर आई। राजस्व सचिव के द्वारा बताया गया कि दालों की भूसी पर टैक्स 5 प्रतिशत से घटाकर शून्य कर दिया गया है।  बैठक के दौरान ऑनलाइन गेमिंग और कैसीनो पर पर GST से जुड़े मुद्दों पर भी विचार-विमर्श किया जा सकता है। मेघालय के मुख्यमंत्री कॉनराड संगमा की अध्यक्षता में पिछले साल इस मुद्दे पर गठित मंत्रियों के समूह (GoM) ने को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को इससे जुड़ी अपनी रिपोर्ट सौंपी थी।

GST कानूनों के तहत अपराधों के गैर-अपराधीकरण के संबंध में जीएसटी परिषद की कानून समिति, जिसमें केंद्र और राज्यों के कर अधिकारी शामिल हैं ने परिषद को जीएसटी अपराधों के लिए अभियोजन शुरू करने के लिए मौद्रिक सीमा बढ़ाने का सुझाव दिया है। कानून समिति ने यह भी सुझाव दिया है कि जीएसटी अपराधों के कंपाउंडिंग के लिए करदाता की ओर से देय शुल्क को कर राशि के 25 प्रतिशत तक कम कर दिया जाना चाहिए।

यह वर्तमान में 150 प्रतिशत तक है। समिति ने यह बात व्यापार करने में आसानी में सुधार (Ease of doing business) की दृष्टि से कही है। समिति ने वर्तमान में 5 करोड़ रुपये से अभियोजन शुरू करने की सीमा को बढ़ाकर 20 करोड़ रुपये करने का सुझाव दिया है। कर अधिकारियों की ओर से अभियोजन शुरू करने का मतलब अपराधी के खिलाफ कानूनी कार्यवाही शुरू करना है।

सूत्रों ने कहा है कि पान मसाला और गुटखा कंपनियों की ओर से कर चोरी पर GoM की रिपोर्ट पर परिषद में चर्चा होने की संभावना है। सूत्रों के अनुसार माल और सेवा कर अपीलीय न्यायाधिकरण (GSTATs) की स्थापना के संबंध में GoM ने सुझाव दिया है कि न्यायाधिकरणों में दो न्यायिक सदस्य और केंद्र और राज्यों के एक-एक तकनीकी सदस्य के अलावा अध्यक्ष के रूप में एक सेवानिवृत्त सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश को शामिल किया जाना चाहिए। GSTATS पर GoM का गठन जुलाई में हरियाणा के उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला की अध्यक्षता में किया गया था।

About प्रदीप रावत 'रवांल्टा'

Has more than 19 years of experience in journalism. Has served in institutions like Amar Ujala, Dainik Jagran. Articles keep getting published in various newspapers and magazines. received the Youth Icon National Award for creative journalism. Apart from this, also received many other honors. continuously working for the preservation and promotion of writing folk language in ranwayi (uttarakhand). Doordarshan News Ekansh has been working as Assistant Editor (Casual) in Dehradun for the last 8 years. also has frequent participation in interviews and poet conferences in Doordarshan's programs.

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