देहरादून : राज्य आंदोलनकारियों को 10 प्रतिशत आरक्षण दिया जाता था। लेकिन, इसे रद्द कर दिया गया था। राज्यपाल ने भी इस पर आपत्ति लगाकर लौटा दिया था।, जिसके बाद सरकार ने इस पर एक समिति बनाई। समिति ने अपनी रिपोर्ट दे दी है। माना जा रहा है कि जल्द ही सरकार इसको कैबिनेट में लाकर फैसला ले सकती है।
सरकारी नौकरियों में राज्य आंदोलनकारियों और उनके आश्रितों के लिए 10 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण बहाल हो सकता है। सरकार इसके लिए अध्यादेश लाने जा रही है। 10 फरवरी की कैबिनेट में इसका प्रस्ताव आ सकता है। राज्य आंदोलनकारियों के सरकारी नौकरियों में क्षैतिज आरक्षण पर विचार के लिए सरकार ने वन मंत्री सुबोध उनियाल की अध्यक्षता में मंत्रिमंडलीय उप समिति गठित की थी।
मीडिया रिपोर्टो की मानें तो मंत्रिमंडलीय उप समिति की ओर से आरक्षण बहाली का निर्णय लिया गया है। बताया गया है कि आगामी कैबिनेट में इसका प्रस्ताव आ सकता है। एनडी तिवारी सरकार ने वर्ष 2004 में राज्य आंदोलनकारियों को नौकरी में दस प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण का शासनादेश जारी किया था।