हरिद्वार : हर की पैड़ी की दीवार बिजली गिरने से नहीं बल्कि बिजली की लाइन को भूमिगत करने के लिए की गई खोदाई के बाद पानी भरने से गिरी थी। इस बात का खुलासा डीएम की ओर से बनाई गई तीन सदस्यीय समिति की जांच में हुआ है। समिति ने अपनी रिपोर्ट डीएम को सौंप दी। सोमवार रात हर की पौड़ी पर आकाशीय बिजली से दीवार गिरने का दावा किया गया था, जो अब झूठा निकला है।
कहानी गढ़ी जा रही थी
दीवार गिरने के बाद से ही आकाशीय बिजली को दीवार गिरने की कहानी गढ़ी जा रही थी। लेकिन, हर की पौड़ी पर आसपास रहने वाले लोगों के अनुसार ये भी कहा गया कि हर की पौड़ी पर दीवार आकाशीय बिजली से नहीं गिरी थी। बड़ा सवाल यह है कि आखिर ऐसी क्या जरूरत पड़ी थी कि दीवार को आकाशीय बिजली से गिरना दिखाया गया ? इसके पीछे क्या कारण थे और उनके लिए कौन जिम्मेदार है, इस बात का पता भी लगाया जाना चाहिए ? लोगों के मन में यह सवाल भी उठ रहा है कि ऐसे लोगों पर कार्रवाई होगी या नहीं ?
दीवार जलभराव के कारण गिरी
लोगों का कहना था कि दीवार जलभराव के कारण गिरी थी। डीएम की और से गठित की जांच कमेटी की रिपोर्ट में इसका खुलासा हुआ भी है। जाँच कमेटी ने जिलाधिकारी सी.रविशंकर को अपनी रिपोर्ट सौंपी। जांच रिपोर्ट के आधार पर जिलाधिकारी ने बताया हर की पौड़ी के ऊपर अपर रोड पर यूपीसीएल द्वारा अंडर ग्राउंड बिजली की तार डालने के लिए सड़क खोदी गई थी।
खुदी हुई सड़क में पानी भरता गया पानी
तेज बारिश के कारण खुदी हुई सड़क में पानी भरता गया पानी और निकासी न होने के कारण दीवार की नींव में पानी का दबाव बढ़ता चला गया। पानी का दबाव ज्यादा होने की वजह से दीवार ढह गई। जिलाधिकारी ने इस दीवार जो दोबारा बनवाने की बात तो कही है। लेकिन, सम्बंधित विभाग की लापरवाही पर क्या कार्रवाई की जाएगी ये अभी तक साफ नहीं हो पाया है।