Friday , 22 November 2024
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लव जिहाद ही नहीं, गेम जिहाद भी बना खतरा…निशाने पर बच्चे!

इन दिनों पूरे देश में लव जिहाद के मामले चर्चा में हैं। उत्तराखंड में इसके चौंकाने वाले मामले सामने आ रहे हैं। उत्तरकाशी जिले के पुरोला में मामला सामने आने के बाद से जो आंदोलन शुरू हुआ है। उसका असर अब पूरे राज्य में नजर आ ने लगा है। इस बीच एक चौंकाने वाला आंकड़ा भी सामने आया है। रिपोर्ट के अनुसार इस साल अब तक लव जिहाद के 46 मामले सामने आ चुके हैं। इसमें चिंता की बात यह है कि ज्यादातर मामलों में नाबालिग लड़कियों को निशाना बनाया गया है।

इस बीच गेम जिहाद को लेकर भी नया बवाल मचा हुआ है। अगर आपको अपने बच्चों के व्यवहार में अजीव बदलाव नजर आ रहा है, तो सतर्क हो जाएं। ऑनलाइन गेमिंग के जरिए नाबालिग बच्चों के धर्म परिवर्तन कराने वाले गिरोह का खुलासा होने के बाद हड़कंप मच गया है। यह मामला चार दिन पहले गाजियाबाद में सामने आया था।

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पुलिस को इनपुट मिले हैं कि इस गिरोह का जाल देशभर में फैला हुआ है, जिसके बाद अब इस मामले की जांच में आईबी जुट गई है। वहीं, इस खबर के बाद गृह मंत्रालय और यूपी सरकार भी एक्शन मोड में है। गाजियाबाद पुलिस से इस मामले पर जानकारी मांगी गई है।

ऑनलाइन धर्मांतरण मामले में पुलिस अब विदेशी फंडिंग के एंगल से भी जांच में जुट गई है द्यपुलिस को शक है इस गिरोह के तार दूसरे देशों से भी जुड़े हो सकते हैं द्य ये गिरोह बहुत बड़े स्तर पर पूरे देश में फैल चुका है। पहले बच्चों को ऑनलाइन मल्टीप्लयेर गेम्स के जरिये उनको गेम खिलाया जाता था।

लेवल पार न होने पर उनको कुरआन की आयतें पढाई जाती थी और कहा जाता था की अगर वे इन आयतों को पढ़ेंगे तो वे इस गेम लेवल को पार कर लेंगे। इस प्रकार गेम में आगे बढ़ने पर जैसे-जैसे लेवल पार होते जाते थे। बच्चों को कुरआन और इस्लाम धर्म की जानकारी दी जाती थी।

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इसके बाद मुस्लिम धर्म गुरुओं की वीडियो दिखाई जाती थी। जिससे बच्चों का ब्रेन वाश किया जाता था। धीरे-धीरे बच्चों को पूरी तरह से इस्लाम धर्म की तामील दी जाती थी। उनको मस्जिद में बुलवाकर नमाज़ भी पढ़वाई जाती थी। आखिर में उनका धर्म परिवर्तन किया जाता था।

इस मामले की जांच आगे बढ़ी को कोरोनाकाल का भी एम मामला चर्चा में आ गया। कोरोनाकाल के दौरान भी कुछ बच्चे इसकी जाल में फंस गए थे। उनको यह कहा जाता था कि अल्लाह की दुआ करने से आपको कोरोना नहीं हुआ है। उसी के वजह से बच पाए हो।

About प्रदीप रावत 'रवांल्टा'

Has more than 19 years of experience in journalism. Has served in institutions like Amar Ujala, Dainik Jagran. Articles keep getting published in various newspapers and magazines. received the Youth Icon National Award for creative journalism. Apart from this, also received many other honors. continuously working for the preservation and promotion of writing folk language in ranwayi (uttarakhand). Doordarshan News Ekansh has been working as Assistant Editor (Casual) in Dehradun for the last 8 years. also has frequent participation in interviews and poet conferences in Doordarshan's programs.

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