मैं भी बनूंगा मंत्री…बनेगा कौन पता नहीं…? कोर ग्रुप से लेकर फोर ग्रुप तक की बैठकें हो चुकी हैं…। पूरे साढ़े तीन साल हो चुके हैं…। भगवान की दया से अब भी डेढ़ साल का वक्त सुरक्षित है…। विधायक से मंत्री बनना कोई इतना आसान काम थोड़े है…। हां ये बात अलग है कि किसी के भाग से छींका फूट जाए…तो वो मंत्री-वंत्री तो छोड़ो सीधे…सरकार के सरदार बन बैठते हैं…खै…हमारी बला से…। हम तो ठाकुर जी के भक्त हैं…। उन्होंने गीता में कहा था बल…जो होता है…अच्छे के लिए होता है…। उसी को अपना भग्य मान लिया…।
जो होना था…वो हो चुका…। अब जो होना है…उसकी चिंता है…। चिंता इसलिए कि एक विधायक साहब आज ही कह रहे थे कि अब भी डेढ़ साल बचे हैं…बहुत कुछ कर सकते हैं…। मैं ये नहीं समझ पाया कि जनाब करना क्या चाहते होंगे…? पांच साल में जो अब तक के बने हुए कुछ नहीं कर पाए…तो जो बनेंगे वो डेढ़ साल में क्या कारनामे कर डालेंगे…कुछ कह नहीं सकते…?
कौन मंत्री-संत्री बनेगा…फिलहाल कुछ पता नहीं है…? पर बनने के स्वपन्न देखने वाले अभी से जुगाड़ में जुट गए हैं…। नागिन की तरह इच्छा भी जाहिर करने लगे हैं…। इच्छा चाहे पूरी ना हो…पर करने में क्या जाता है…? कौन बनेगा…कब बनेगा…सबकुछ भविष्य की गर्त में है…पर मंत्री पदों को लेकर दूरगामी सोच रखने वाले अभी से कहने लगे हैं…मैं भी बनूंगा मंत्री…। क्यों बनेगा…तो सीधा कोई जवाब नहीं…। विकास करेंगे…। विधायक बनकर क्या कर लिया था…जो अब मंत्री बनकर करेंगे…?
चिंता इस बात की है कि…अगर सच में बना दिए 3 मंत्री…तो खजाने को कितने का चूना लगेगा…। कोरोना काल में वैसे ही माड़ी हालत चल रही है बल…। माड़ी हालत है या दिखा रहे हैं…ये तो राम जी ही जानेंगे…। क्या है ना जैसे देश आत्मनिर्भर बन रहा है…। जब से राम जी के मंदिर की बात क्या चली…सरकार राम जी निर्भर ज्यादा होने लगी है…। इनको पक्का लग रहा है कि राम जी का नाम…बेड़ा पार लगा ही देगा…।
…प्रदीप रावत (रवांल्टा)