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राज्य में 2017 से जून 2020 के बीच कुल 4,69,907 बेरोजगारों ने पंजीकरण कराया।
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6 लाख 81 हजार 280 लोगों को लाॅकडाउन से अब तक उनकी मेहनत की कमाई का हिस्सा नहीं मिला।
देहरादून : 7 लाख 12 हजार से ज्यादा लोगों को रोजगार। 4 लाख 69 हजार 907 युवा बेरोजगार। 6 लाख 81 हजार 280 लोगों को लाॅकडाउन से अब तक उनकी मेहनत की कमाई का हिस्सा नहीं मिला। लाॅकडाउन के दौरान उत्तराखंड में पंजीकृत्त 3 हजार 432 इकाइयों में से केवल 271 कंपनियों/फैक्ट्रियों कामगारों को वेतन दिया। यानी 3 हजार 161 कंपनियों/फैक्ट्रियों ऐसी हैं, जिन्होंने मजदूरों/कामगारों की खून-पसीने की कमाई को गटक लिया।
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चौंकाने वाले आंकड़े
केंद्र से राज्य सरकारें तक पूरे कोरोनाकाल में दावा करती रही कि किसीको दिक्कत नहीं होगी। किसी को वेतन नहीं काटा जाएगा। मीडिया में इस तरह की खबरें प्लांट कराई गई कि केंद्र सरकार ने कामगारों का वेतन नहीं काटने के निर्देश दिए हैं। कई दूसरी तरह की खबरें भी ब्रेक हो रही थी, लेकिन केंद्र सरकार ने लिखित जवाब में कहा कि उनको यह नहीं पता कि लाॅकडाउन के दौरान कितने कामगारों की जान गई। अब उत्तराखंड सरकार ने जो आंकड़े दिए हैं, वो भी चैंकाने वाले हैं।
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सरकार ने खुद खोल दी
कोरोना के कारण हुए लाॅकडाउन में हजारों लोगों की नौकरियां चली गईं। लाखों लोगों को वेतन नहीं मिला। बावजूद, सरकार दावा कर रही थी कि लाॅकडाउन में किसी को परेशान नहीं होने दिया गया। कंपनियों को अनिवार्य रूप से वेतन भुगतान के लिए भी कहा गया था। इन सभी दावों की की पोल सरकार ने खुद खोल दी। सरकार ने कुछ दिन पहले रोजगार के आंकड़े जारी किये, लेकिन जो सच्चाई है। वह सबके सामने है। राज्य में इस सरकार के कार्यकाल के दौरान ही अब तक 4 लाख 69 हजार 907 बेरोजगार युवा पंजीकरण करा चुके हैं।
बेराजगारी के सरकारी आंकड़े
राज्य में 2017 से जून 2020 के बीच कुल 4,69,907 बेरोजगारों ने पंजीकरण कराया। भाजपा के ही विधायक देशराज कर्णवाल ने सरकार से बेरोजगारों के पंजीकरण का ब्यौरा देने के लिए अतारांकित प्रश्न पूछा था, जिसके जवाब में सेवायोजन मंत्री हरक सिंह ने बेरोजगारी के आंकड़े पेश किए।
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जिलावार आंकड़े
उनके अनुसार 2017 में 158431, वर्ष 2018 में 145515, वर्ष 2019 में 110699, जून 2020 तक 55262 बेरोजगारों ने पंजीकरण कराया। अल्मोड़ा में 36933, नैनीताल 46588, पिथौरागढ़ 31853, ऊधमसिंह नगर 51431, बागेश्वर 16803, चंपावत 15149, देहरादून 67809, टिहरी 35632, उत्तरकाशी 28192, हरिद्वार 53408, पौड़ी 42341, चमोली 25902, रुद्रप्रयाग में 17866 बेरोजगार।
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6, 37668 श्रमिकों को नहीं मिला वेतन
23 सितंबर को हुए विधानसभा के एक दिवसीय सत्र में सरकार ने जो आंकड़े दिए। उनसे साफ हो गया कि कंपनियों और फैक्ट्रियों में काम करने वाले कामगारों के साथ क्या हुआ। उत्तराखंड की बात करें तो राज्य में लॉकडाउन की अवधि में 6 लाख 37 हजार 668 श्रमिकों को फैक्ट्री संचालकों ने वेतन का भुगतान ही नहीं किया।
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3,432 औद्योगिक इकाइयां पंजीकृत
श्रम मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत के अनुसार राज्य में कुल 3,432 औद्योगिक इकाइयां पंजीकृत हैं। लॉकडाउन के दौरान इनमें बंद 271 इकाइयों के वेतन देने की सूचना है। उनके विधानसभा में दिए जवाब के अनुसार राज्य में 43,612 कामगारों को इस अवधि में वेतन का भुगतान किया गया। प्रदेश में पंजीकृत 6,81,280 कामगारों में से 6,37,668 श्रमिकों को वेतन नहीं दिया गया। मतलब साफ है कि 3,161 फैक्ट्रियां ऐसे हैं, जिन्होंने वेतन नहीं दिया।
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