- डॉ मनोज सुन्द्रियाल
देहरादून। उत्तर भारत में बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के बाद पत्रकारिता शिक्षा की पौध को उत्तराखंड में एक विशाल वृक्ष के रुप में स्थापित करने वाले प्रोफेसर एआर डंगवाल आज 31 मार्च को सेवानिवृत्त हो गए। हेमवती नंदन बहुगुणा विश्वविद्यालय के पत्रकारिता एवं जनसंचार केंद्र में निदेशक के पद से सेवानिवृत्त प्रोफेसर डंगवाल चार दशक से अधिक पत्रकारिता शिक्षा से जुड़े रहे। पत्रकारिता के प्रचार प्रसार में निरंतर कार्य करते हुए प्रोफेसर डंगवाल ने न सिर्फ उत्तराखंड के जिज्ञासु पत्रकारों की एक लंबी फौज खड़ी की बल्कि उत्तर प्रदेश, हिमांचल, दिल्ली, हरियाणा, जम्मू- कश्मीर, मणिपुर आदि विभिन्न राज्यों के छात्र-छात्राओं को पत्रकारिता जैसे रोजगार परक शिक्षा से स्वालंबी बनने का भी अवसर प्रदान किया। अपने व्यवहार से सीधे एवं सरल स्वभाव के व्यक्ति प्रोफेसर डंगवाल ने उत्तराखंड में पत्रकारिता शिक्षा को स्थापित करने में कड़ी चुनौतियों का सामना किया है।
पत्रकारिता अपने आपमें जितना चुनौती पूर्ण क्षेत्र है, उतना ही चुनौतीपूर्ण और रुचिकर इतिहास श्रीनगर गढ़वाल के पत्रकारिता एवं जनसंचार केंद्र का भी रहा। हालांकि 1976 में गढ़वाल विश्वविद्यालय श्रीनगर गढ़वाल के पत्रकारिता विभाग की शुरुआत हिंदुस्तान समाचार पत्र के पत्रकार एसआर निगम द्वारा की गई, लेकिन उनके चले जाने के बाद 1978 में यह विभाग पूरी तरह से ठप्प हो गया। 1979 में तत्कालीन कुलपति यूसी घिल्डियाल के प्रयासों से इस विभाग को एक बार फिर से पुनर्जीवित करने के प्रयास किये गए लेकिन संकट यह था कि विभाग के संचालन की जिम्मेदारी किसको दी जाए। उस समय एआर डंगवाल गढ़वाल मंडल विकास निगम में बतौर जन सम्पर्क अधिकारी अपनी सेवायें दे रहे थे। यह ज्ञात होने पर कि गढ़वाल विश्वविद्यालय के पत्रकारिता विभाग को एक फैकल्टी की आवश्यकता है, प्रोफेसर डंगवाल ने इस जिम्मेदारी को उठाने मन बनाया। विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. यूसी घिल्डियाल ने आवश्यक औपचारिकताओं के साथ ही प्रोफेसर डंगवाल को विभाग के संचालन की जिम्मेदारी सौंप दी। महज एक कमरे से शुरू हुआ यह पत्रकारिता विभाग पिछले चार दशक में सात से ज्यादा स्थान परिवर्तित करते हुए 2011 में अपने स्थाई भवन में स्थानांतरित हुआ।
चौरास स्थिति इस संचार भवन में वर्तमान में बी0ए0 जर्नलिज़्म एण्ड मास कम्युनिकेशन , एम0ए मास कम्युनिकेशन के साथ ही पीएच-डी पाठ्यक्रम संचालित किए जा रहे हैं। आज पत्रकारिता एवं जनसंचार केंद्र के पास रेडियो एंड वीडियो एडिटिंग स्टूडियो के साथ ही एक रेकॉर्डिंग स्टूडियो, सेमिनार हाल, प्रेस कॉन्फ्रेंस रूम के साथ ही सभी आवश्यक उपकरण उपलब्ध हैं। पत्रकारिता के इतने लंबे सफर पर टिप्पणी व्यक्त करते हुए प्रोफेसर डंगवाल ने कहा कि मुझे इस बात की अति प्रसन्नता है कि इस केंद से निकले छात्र छात्रायें न सिर्फ पत्रकारिता में बल्कि, बॉलीवुड की दुनिया से लेकर, राजनीति में शीर्ष पदों को गौरवान्वित करते हुए, रेडियो प्रसारण, विज्ञापन, जनसंपर्क न्यू मीडिया एवं शिक्षा जगत के क्षेत्र में ईमानदारी के साथ कार्य कर रहे हैं। आज हमारे छात्र न सिर्फ गढ़वाल विश्वविद्यालय का नाम रोशन कर रहे हैं बल्कि अपने कौशल से उत्तराखंड की साख भी मजबूत कर रहे हैं। मैं आज अपनी सेवानिवृत्त के अवसर पर इस केंद्र से पढ़े सभी छात्र छात्राओं को उनके उनके उज्ज्वल एवं खुशहाल भविष्य की कामना करता हूँ।