Thursday , 21 November 2024
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खास खबर : देहरादून में नाला बना ‘दुल्हनिया’, जानें इस कहानी का पूरा सच

  • प्रदीप रावत ‘रवांल्टा’ 

दुल्हनिया…यह शब्द आप जब भी सुनते हैं तो आपके मन में किसी दुल्हन का ही ख्याल आता होगा। लेकिन, क्या आपने कभी सोचा है कि किसी नाले का नाम भी दुल्हनिया (’दुलहनिया’) नाला हो सकता है। जी हां…हम पूरी तरह से सही कह रहे हैं। यह कहीं और नहीं, बल्कि ‘वालाओं’ के शहर देहरादून में ही है। ये दुल्हनिया नाला भी दो ‘वालाओं’ के आसपास ही बहता है। आपका मन खट्टा हो गया होगा कि आखिर कोई किसी नाले को दुल्हनिया नाला कैसे कह सकता है?

मेरे मन में भी यही सवाल आया था कि आखिर इस नाले का नाम दुल्हनिया नाला कैसे हो सकता है? हालांकि, नाला अब नाले जैसा नजर नहीं आता है, लेकिन नाम का बोर्ड लगा है, तो नाला भी जरूर रहा होगा। मेरे सवाल का जवाब अब तक नहीं मिल पाया था और ना आपके मन में उठ रहे सवाल का जवाब मिल पाया होगा।

तो अब हम आपको बताते हैं कि ये दुल्हनिया नाला कहां पर है? यह नाला हरिद्वार जाते हुए मियांवाला चौक से कुछ पहले पड़ता है। इस नाले के पास ही मॉल ऑफ देहरादून (mall of dehradun) भी बन रहा है। ये नाला रायपुर से तुनवाला और उसके आपास के ‘वालाओं’ से होकर बहता है। बरसात में इसके रास्ते में खड़े अवरोधों से ये टकराता भी रहता है।

अब एक और बात बताते हैं, वो यह है कि किसी जमानें में यहां नदी हुआ करती थी, जिसे अतिक्रमण और विकास का दानव खा गया। इस नदी का नाम दुल्हनी बताया जाता है। हालांकि, अब तक पुख्ता रूप से कुछ दस्तावेज हाथ नहीं लग पाए हैं। लेकिन, कहीं-कहीं पर इसका उल्लेख मिलता है।

इसके पीछे की एक और कहानी भी कही जाती है। क्षेत्र में इसको लेकर कई तरह की बातें भी होती रहती हैं। उनमें एक बात यह भी है कि 1980 के कालखंड के आसपास की है। कहानी यह है कि यहां से बहने वाले नाले में दुल्हन समेत एक पूरी बारात बह गई थी। तब से ही इसे दुल्हनी नाला कहा जाता है। अगर आपके पास भी दुल्हनी नदी या दुल्हनिया नाले से जुड़ी कोई जानकारी हो तो आप हमें 7668319649 पर ह्वाट्सएप पर कसते हैं।

About प्रदीप रावत 'रवांल्टा'

Has more than 19 years of experience in journalism. Has served in institutions like Amar Ujala, Dainik Jagran. Articles keep getting published in various newspapers and magazines. received the Youth Icon National Award for creative journalism. Apart from this, also received many other honors. continuously working for the preservation and promotion of writing folk language in ranwayi (uttarakhand). Doordarshan News Ekansh has been working as Assistant Editor (Casual) in Dehradun for the last 8 years. also has frequent participation in interviews and poet conferences in Doordarshan's programs.

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