उत्तराखंड के लोक गायक प्रह्लाद मेहरा का दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया है। हल्द्वानी के कृष्णा अस्पताल में अंतिम सांस ली। 53 साल की उम्र में प्रसिद्ध लोक गायक प्रहलाद सिंह मेहरा की हार्ट अटैक से हुई आकस्मिक मृत्यु ने सबको स्तब्ध कर दिया है। अपनी मधुर आवाज से लोक गीतों से लोगों का दिल जीत लिया। मशहूर लोक गीत गायक आज हमारे बीच नहीं रहे।
लोक गायक प्रहलाद सिंह मेहरा का जन्म चार जनवरी 1971 को पिथौरागढ़ जिले के मुनस्यारी तहसील चामी भेंसकोट में एक राजपूत परिवार में हुआ था। उनके पिता का नाम हेम सिंह और माता का नाम लाली देवी है। प्रहलाद सिंह मेहरा को बचपन से ही गाने का शौक था। इसके साथ ही उन्हें वाद्य यंत्र बजाने का शौक भी था। स्वर सम्राट गोपाल बाबू गोस्वामी से प्रभावित होकर वो उत्तराखंडी संगीत जगत में आए थे।
प्रहलाद वर्तमान में बिंदुखत्ता के संजय नगर में हनुमान मंदिर के पास रहते थे। उन्होंने 1989 में अल्मोड़ा आकाशवाणी में स्वर परीक्षा पास की थी, वे अल्मोड़ा आकाशवाणी में ए श्रेणी के गायक थे। उनके पिता मुनस्यारी प्राथमिक स्कूल में शिक्षक थे। प्रहलाद उत्तराखंड संस्कृति विभाग पंजीकृत कलाकार थे।
उन्होंने 150 से अधिक बच्चों को संगीत भी सिखाया। उनका विवाह 1991 में हुआ। उन्होंने 150 से अधिक गानों को अपनी आवाज दी। दो भाईयों में प्रहलाद सबसे बड़े थे। उनके छोटे भाई मनोहर सिंह आरएसएस से जुड़े हैं। उनके निधन की खबर पर सीएम धामी सहित तमाम लोगों ने संवेदनाएं प्रकट की हैं और दिवंगत को श्रद्धांजलि अर्पित की है।