जी हां ठीक कह रहा हूं। ठगों से सवाधान…! नगर पालिका के चुनाव की तैयारी जोरों पर है। गौर फरमाइएगा…चुनाव में कई आएंगे, सावधान ये आपको ठग सकते हैं। इनमें कई ठग नए होंगे। कुछ पहले भी ठग चुके होंगे। कुछ नगर निकाय तो कुछ किसी दूसरे चुनाव में आपको ठग चुके होंगे।
नगर निकायों के चुनाव जब भी होते हैं, नेताओं की कुछ खास तरह की प्रजाति प्रकट हो जाती है। ये प्रजाति आपको शराब पिलाकर ठग लेती है। आपको नशे की लत में धकेलते हैं। दारू पिलाकर आपका लीवर भी डैमेज करा देते हैं। फिर भी देखिए…आप अपना वोट उनको दे देते हैं। जरा सावधान शराब पिलाने वालों से बचें…।
एक प्रजाति पैसे वाली होती है। ये प्रजाति शराब तो पिलाती ही है। परिवार वालों, दोस्तों और रिश्तेदारों में शराब पिलाने के लिए भी पैसा देती है। मतलब साफ है ये प्रजाति पहले वाली से थोड़ा और खतरनाक होती है। आपके साथ आपके दोस्तों और रिश्तेदारों को भी बर्बाद करने में कोई कसर नहीं छोड़ते।
ऐसी प्रजातियां भी हैं, जो आपको पहले भी ठग चुके हैं और फिर से ठगने की तैयारी में हैं। ये पहले भी अपनी जेबें भर रहे थे और आगे भी अपनी ही जेबें भरेंगे। सिर्फ पांच साल में जमीन से आसमानी हो जाते हैं। आप दारु और पैसे के चक्कर में एक मिस्टेक कर बैठते हैं…फिर पांच साल भागते हैं…जरा सावधान!
इन सबसे एक प्रजाति बिल्कुल अलग और खास होती है…। ये बरसाती मेंढकों की तरह चुनाव के दौरान प्रकट होते हैं…। गले में मोटी चेन डालकर…महंगी गाड़ी की हनक दिखाकर…डीलरिंग में कमाया पैसा दिखाकर आपसे वोटों की ठगी करते हैं। ये चुनाव के लिए पूरी रणनीति के साथ समाजसेवक बन जाते हैं। मतलब निकलने पर उसी महंगी गाड़ी में काला शीशा चढ़ा लेते हैं, जिससे बाहर तो नजर आता है…पर भीतर नहीं दिखता…सावधान!
आपको ऐसी प्रजाति खोजनी है, जो दुधारू गाय की तरह हो…। जो आपकी सेहत की भी सोचे और कुर्सी पर चढ़ने के बाद पांव जमीन पर भी रखे। तय आपको करना है। बर्बाद होइए…या आबाद होने की ओर कदम बढ़ाइए। आपको शराब ऑफर करने वालोन को ठोकबजार ना कह दीजिए। मुझे पता है ये पढ़ने के बाद आप मेरी पूजा कर रहे होंगे! फिर भी एक और बार…ठगों से सवाधान!
-प्रदीप ‘रवांल्टा’