कोरोना का नाम आते ही लोगों के आज भी दहशत बैठ जाती है। 2019 से शुरू हुए कोरोना संक्रमण ने धीरे-धीरे पूरी दुनिया को अपने कब्जे में ले लिया था और फिर एक के बाद एक दुनिया के हर कोने में लाशों के ढेर नजर आने लगे। कोरोना पर कई तरह के रिसर्च भी सामने आ चुके हैं। लेकिन, इस बीच विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की एक रिपोर्ट सामने आई है, जिसने कोरोना की फिर से याद दिला दी है।
WHO ने इस महीने की शुरुआत में जारी की थी रिपोर्ट
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने इस महीने की शुरुआत में जारी एक रिपोर्ट में कहा कि संक्रमण के कारण दुनियाभर में हर हफ्ते लगभग
1,700 लोगों की मौत हो रही है। कोरोना का जोखिम अब भी कम नहीं हुआ है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने कहा है कि जिन स्थानों पर लगातार संक्रमण के मामले सामने आ रहे हैं वहां के लोगों की प्रतिरक्षा प्रणाली को और मजबूत करने के लिए एक और बूस्टर वैक्सीन दिया जाना चाहिए। विशेषतौर पर 65 से अधिक आयु के लोगों को एक और टीका देकर उन्हें नए वैरिएंट्स से संक्रमण के प्रति सुरक्षित किया जा सकता है।
नए वैरिएंट्स का खतरा
दुनियाभर में छपी कई मीडिया रिपोर्ट्स से पता चलता है कि कोरोना का नया वैरिएंट FLiRT कई देशों में तेजी से फैल रहा है। ओमिक्रॉन के कई सब-वैरिंट्स लगातार मुश्किलें बढ़ा रहे हैं। कोरोना के स्पाइक प्रोटीन में बदलाव के साथ नए वैरिएंट्स का जोखिम बना हुआ है।
SARS‑CoV‑2 वायरस की सतह पर पाया जाने वाला स्पाइक प्रोटीन, वायरस को मानव कोशिकाओं से जुड़ने में मदद करता है। ये सब-वैरिएंट वायरस के आनुवंशिक कोड में उत्परिवर्तन से उत्पन्न होते हैं। ओमिक्रॉन जैसे वैरिएंट और इसके सब-वैरिएंट्स के कारण पिछले एक साल से अधिक समय से कई देशों में संक्रमण देखा जा रहा है।
WHO महानिदेशक ने कहीये बात
WHO के महानिदेशक टेड्रोस एडनॉम घेब्रेयेस ने कहा कई देशों में जारी कोरोना के खतरे के लिए टीकाकरण कवरेज में गिरावट एक बड़ा कारण हो सकती है। कोविड के नए वैरिएंट्स के मामले लगातार सामने आ रहे हैं। हर नए उत्परिवर्तन के साथ, इस वायरस की प्रतिरक्षा से बचने की क्षमता और इसके संक्रमण की दर भी बढ़ जाती है। नए वैरिएंट्स की यही क्षमता कोरोना के जोखिमों और संक्रमण के मामलों के बढ़ने के लिए कारण हो सकती है। एक और वैक्सीन नए वैरिएंट्स के कारण होने वाले जोखिमों से बचाने में सहायक हो सकती है।
एक और बूस्टर वैक्सीन लेने की सलाह
इससे पहले द न्यूयार्क टाइम्स में प्रकाशित एक रिपोर्ट में सीडीसी कहा था कि, अधिकांश अमेरिकियों ने बार-बार संक्रमण या वैक्सीनेशन, या फिर दोनों से कोरोनावायरस के खिलाफ प्रतिरक्षा हासिल कर ली है। हालांकि अध्ययनों में देखा गया है कि टीके केवल कुछ महीनों तक ही प्रभावी रहते हैं और समय के साथ इनकी प्रभाविकता कम हो जाती है। इस जोखिम को कम करने के लिए सभी लोगों को अपडेटेड कोविड शॉट्स लेने की जरूरत है। CDC की निदेशक डॉ. मैंडी कोहेन ने वैज्ञानिकों की सर्वसम्मत सलाह को स्वीकार करते हुए टीकाकरण के एक और डोज की सिफारिश की है।