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शिशु के संपूर्ण स्वास्थ्य के लिए आवश्यक है मां का दूध

अशोक नगर-मां का दूध बच्चे के लिए अमृत है, वह न केवल उसके शारीरिक विकास बल्कि मानसिक विकास के लिए भी जरूरी है। स्तनपान से बच्चे के साथ साथ मां को भी कई प्रकार के शारीरिक और मानसिक फायदे होते हैं।

उक्त बात महिला बाल विकास विभाग की पर्यवेक्षक सीमा अहिरवार ने विश्व स्तनपान सप्ताह 1-7 अगस्त के दौरान बाली गतिविधियों के दौरान स्तनपान समारोह के अवसर पर कहा और साथ ही आंगनबाड़ी कार्यकर्ता के माध्यम से घर – घर जाकर माताओं को यह संदेश दिया जा रहा है।

मंगलवार को आयोजित स्तनपान समारोह वार्ड क्रमांक 20के केंद्र 60-61 के द्वारा संयुक्त तत्वाधान में स्तनपान समारोह एवं गोद भराई का आयोजन किया गया जिसमें वार्ड की महिलाओं ने बढ़ चढ़कर लाभ लिया।

इस अवसर पर कार्यकर्ता मीना जैन ने बताया कि बच्चे के उचित शारीरिक विकास के लिए कम से कम 6 माह तक बच्चे को केवल मां का दूध दिया जाना आवश्यक होता है। इस दौरान बाहर का दूध अथवा ऊपरी आहार, शहद, घुट्टी या टॉनिक बच्चे की आंतों में इन्फेक्शन पैदा करता है जिससे बच्चे को दस्त होने लगती है और बच्चा कुपोषित हो जाता है।

विभिन्न मूलभूत बिंदुओं को स्पर्श करते हुए भी उन्होंने अपनी बात रख कर गर्भवती महिलाओं को और साथ ही धात्री माताओं शिशु की सुरक्षा के बल पर प्रकाश डाला आयोजन में गर्भवती महिलाओं की गोद भराई और साथ ही भजन कीर्तन का भी लाभ सभी ने प्राप्त किया। केंद्र 61 की कार्यकर्ता नीता नामदेव ने अपनी बात को रखते हुए कहा शिशु को होने वाले फायदे के अवगत कराया।

शिशु को होने वाले फायदे 

एक साल से कम उम्र के शिशु में डायरिया रोग से लड़ने की क्षमता कम होती है। मां का दूध उन्हें इस रोग से लड़ने की क्षमता देता है। मां के स्तन से पहली बार निकलने वाला दूध के साथ गाढ़ा पीले रंग का द्रव भी आता है, जिसे कोलोस्ट्रम कहते हैं, इसे शिशु को जरूर पिलाएं। इससे शिशु को संक्रमण से बचने और उसकी प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करने में मदद मिलती है।

आशा कार्यकर्ता ममता नामदेव में सभी धात्री माता को समझाते हुए कहा कि मां का दूध शिशु के लिए सुपाच्य होता है। इससे बच्चों पर चर्बी नहीं चढ़ती है। स्तनपान से जीवन के बाद के चरणों में रक्त कैंसर, मधुमेह और उच्च रक्तचाप का खतरा कम हो जाता है।

-मां का दूध का बच्चों के दिमाग के विकास में महत्वपूर्ण योगदान होता है। इससे बच्चों की बौद्धिक क्षमता भी बढ़ती है।

-स्तनपान कराने वाली मां और उसके शिशु के बीच भावनात्मक रिश्ता बहुत मजबूत होता है।

-मां का दूध शिशु को उसी तापमान में मिलता है, जो उसके शरीर का है। इससे शिशु का सर्दी नहीं लगती है।

मां को होने वाले फायदे 

-स्तनपान कराने से मां को गर्भावस्था के बाद होने वाली शिकायतों से मुक्ति मिल जाती है। इससे तनाव कम होता है और प्रसव के बाद होने वाले रक्तस्राव पर नियंत्रण पाया जा सकता है।

-इससे माताओं को स्तन या गर्भाशय के कैंसर का खतरा काफी हद तक कम हो जाता है। इसके साथ ही स्तनपान एक प्राकृतिक गर्भनिरोधक है।

-खून की कमी से होने वाले रोग एनीमिया का खतरा कम होता है।

-मां और शिशु के बीच भावनात्मक रिश्ता मजबूत होता है। बच्चा अपनी मां को जल्दी पहचानने लगता है।

-स्तनपान के लिए आप अधिक कैलोरी का इस्तेमाल करती हैं और यह प्राकृतिक ढंग से वजन को कम करने और मोटापे से बचने में मदद करता है।

-स्तनपान कराने वाली माताओं को स्तन या गर्भाशय के कैंसर का खतरा कम होता है। स्तनपान एक प्राकृतिक गर्भनिरोधक है।

-इस आयोजन में अनीता जैन आशा नामदेव का सहयोग प्राप्त हुआ और साथ ही वार्ड के हितग्राहि मौजूद रहे

About प्रदीप रावत 'रवांल्टा'

Has more than 19 years of experience in journalism. Has served in institutions like Amar Ujala, Dainik Jagran. Articles keep getting published in various newspapers and magazines. received the Youth Icon National Award for creative journalism. Apart from this, also received many other honors. continuously working for the preservation and promotion of writing folk language in ranwayi (uttarakhand). Doordarshan News Ekansh has been working as Assistant Editor (Casual) in Dehradun for the last 8 years. also has frequent participation in interviews and poet conferences in Doordarshan's programs.

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