Friday , 3 January 2025
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‘लहसुन’ तो आप खाते ही होंग, ‘सब्जी’ है या ‘मसाला’? कोर्ट से इतने साल बाद आया फैसला

आप भी तो लहसुन खाते ही होंगे। अगर हां तो यह भी जानते ही होंगे कि लहसुन सब्जी है या फिर मसाला। लहसुन जहां किसी भी खाने के जायके को बढ़ा देता है। वहीं, औषधीय गुणों से भी भरपूर है। अलग-अलग तरीकों से लहसुन का सेवन करने के कई लाभ हैं। यह लोगों को निरोगी रखने में मदद करती है। लेकिन, लहसुन सब्जी है या फिर मसला, इसका फैसला होने में एक-दो नहीं पूरे 16 साल लग गए।

अहम फैसला सुनाया

मध्य प्रदेश हाईकोर्ट की इंदौर बेंच ने इसको लेकर अहम फैसला सुनाया है। मध्य प्रदेश हाईकोर्ट की इंदौर बेंच ने फैसला सुनाते हुए कहा कि लहसुन सब्जी है। कोर्ट ने तर्क देते हुए कहा कि लहसुन जल्दी खराब होने वाला है, इसलिए यह एक सब्जी है। इसके साथ ही कोर्ट ने यह भी कहा कि लहसुन को सब्जी और मसाला दोनों मार्केट में बेचा जा सकता है। कोर्ट के इस फैसले से किसानों का लाभ मिलने वाला है।

2015 में किसानों की मांग पर

2015 में किसानों की मांग पर मध्य प्रदेश मंडी बोर्ड ने एक प्रस्ताव पारित कर लहसुन को सब्जी की कैटेगरी में शामिल किया था। लेकिन कृषि विभाग ने कृषि उपज मंडी समिति एक्ट 1972 का हवाला देते हुए लहसुन को मसाले का दर्जा दिया और मंडी बोर्ड के आदेश को रद्द कर दिया। लेकिन इसके बाद यह मामला हाईकोर्ट में चला गया। कई सालों से यह मामला हाईकोर्ट में चल रहा था।

हाईकोर्ट की इंदौर बेंच का रुख किया

आलू, प्याज, लहसुन कमीशन एजेंट एसोसिएशन ने 2016 में प्रमुख सचिव के आदेश के खिलाफ हाईकोर्ट की इंदौर बेंच का रुख किया था, तब सिंगल बेंच ने फरवरी 2017 में उनके पक्ष में फैसला सुनाया था और इसे सब्जी की श्रेणी में रखा था। इस फैसले से व्यापारियों में खलबली मच गई, उन्होंने तर्क दिया कि इस फैसले से किसानों को नहीं बल्कि कमीशन एजेंटों को फायदा होगा।

जुलाई 2017 में पुनर्विचार याचिका

कोर्ट के फैसले के बाद जुलाई 2017 में पुनर्विचार याचिका दायर की गई थी। यह याचिका हाईकोर्ट की डबल जज की बेंच के पास गई। इस बेंच ने लहसुन को जनवरी 2024 में दोबारा मसाल शेल्फ में भेज दिया। अब इस मामले पर जस्टिस एसए धर्माधिकारी और जस्टिस डी वेंकटरमन की बेंच ने फैसला सुनाया है।

इसलिए यह सब्जी है लहसुन

बेंच ने इस मामले पर सुनवाई करते हुए 2017 के आदेश को बरकरार रखा है, जिसमें कहा गया है कि लहसुन जल्दी खराब होने वाला है और इसलिए यह सब्जी है। हालांकि कोर्ट ने अपने फैसले में यह भी कहा कि लहसुन को सब्जी और मसाला दोनों बाजारों में बेच सकते हैं। कोर्ट के इस फैसले से इसके व्यापार पर लगे प्रतिबंधों से मुक्ति मिलेगी और किसानों और एजेंटों दोनों को इसका फायदा होगा।

About प्रदीप रावत 'रवांल्टा'

Has more than 19 years of experience in journalism. Has served in institutions like Amar Ujala, Dainik Jagran. Articles keep getting published in various newspapers and magazines. received the Youth Icon National Award for creative journalism. Apart from this, also received many other honors. continuously working for the preservation and promotion of writing folk language in ranwayi (uttarakhand). Doordarshan News Ekansh has been working as Assistant Editor (Casual) in Dehradun for the last 8 years. also has frequent participation in interviews and poet conferences in Doordarshan's programs.

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