Friday , 22 November 2024
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तिरुपति प्रसादम् मामला: भड़के शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद, बद्री-केदार धाम को लेकर कही बड़ी बात

मध्यप्रदेश के जब्बलपुर में पहुंचे ज्योतिर्मण के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने तिरुपति मंदिर में प्रसादम् के रूप में दिए जाने वाले लड्डुओं के मिलावट कड़ी प्रतिक्रया दी है। शंकराचार्य ने कहा कि जिस तरीके से तिरुपति देवस्थानम में गड़बड़ी हुई, वही आशंका बद्रीनाथ और केदारनाथ में भी होने की है।

क्योंकि यहां पर भी सरकार अपने नियंत्रण के जरिए भर्तियां करने जा रही है। भविष्य में किसकी भर्ती होती है, इसके बारे में अभी कुछ नहीं कहा जा सकता और वह धार्मिक स्थान को कितना समझता है इस पर भी सवाल है। उन्होंने मंदिरों से सरकारी नियंत्रण हटाने की मांग की है। तिरुपति मंदिर के प्रसाद में फिश ऑयल व पशु चर्बी होने के दावे के बाद शंकराचार्य सरकार पर जमकर बरसे।

उन्होंने कहा कि 5 सालों तक अशुद्ध वस्तु से बना प्रसाद मंदिर में जाता रहा, तब सरकार और उसका इंटेलिंजेंस कहां था? उन्होंने कहा कि मंदिरों से सरकारी नियंत्रण नहीं हटाया गया, तो वे कोर्ट जाएंगे. शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा है कि सरकार की जगह अगर बड़े मंदिरों का नियंत्रण धर्माचार्यों के पास रहेगा तो इस तरह की गलती नहीं होगी।

शंकराचार्य ने कहा कि तिरुपति में जो घटना घटी है, वह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है। स्वतंत्रता के 77 साल बाद भी हिंदुओं को उनके मंदिरों का नियंत्रण नहीं मिल पाया है। इस घटना के बाद अब विधि विशेषज्ञों से सलाह ली जाएगी और जरुरत पड़ी तो कोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे और बड़े मंदिरों से सरकारी नियंत्रण को खत्म करने की मांग की जाएगी।

शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरनंद का आरोप है कि इस मामले में आंध्र प्रदेश की पूर्व सरकार की साजिश है। वे जानबूझकर हिंदुओं का धर्म भ्रष्ट करना चाहते थे, इसलिए उन्होंने ऐसा किया। शंकराचार्य ने कहा कि वे इसी घटना के बाद गौ हत्या को खत्म करने के लिए देश भर में एक यात्रा निकाल रहे हैं। जिससे गाय की हत्या करने वाले उसकी चर्बी का इस्तेमाल न करें और न ही उससे नकली घी बनाया जा सकें।

About प्रदीप रावत 'रवांल्टा'

Has more than 19 years of experience in journalism. Has served in institutions like Amar Ujala, Dainik Jagran. Articles keep getting published in various newspapers and magazines. received the Youth Icon National Award for creative journalism. Apart from this, also received many other honors. continuously working for the preservation and promotion of writing folk language in ranwayi (uttarakhand). Doordarshan News Ekansh has been working as Assistant Editor (Casual) in Dehradun for the last 8 years. also has frequent participation in interviews and poet conferences in Doordarshan's programs.

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