Thursday , 12 December 2024
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देखें VIDEO: चहेतों पर मेहरबानी, लीज पर जिला पंचायत का बंगला और जमीनें?

देहरादून: मामला जिला पंचायत अध्यक्षों के कार्यकाल समाप्त होने के कुछ दिन पहले का है। जिला पंचायत देहरादून की ओर से एक टेंडर निकाला गया, जिसमें ब्रिटिश काल के चकराता स्थित डाक बंगले के एक हिस्से (सूट) और उससे लगी जिला पंचायत की जमीन को लीज पर दने के लिए टेंडर निकाले गए। इसको लेकर पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष रामशरण नौटियाल ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और पंचायतीराज विभाग के उच्चाधिकारियों से शिकायत की।

शिकायत के बाद पंचायतीराज निदेशक निधि यादव ने टेंडर को निरस्त करने के निर्देश देने के साथ ही जिला पंचायत के अपर मुख्य अधिकारी को टेंडर निरस्त करने के साथ ही रिपोर्ट शासन को देेने के निर्देश दिए और उनसे जवाब मांगा गया। संतोषजनक जवाब नहीं मिलने पर कार्रवाई की चेतावनी भी दी गई है।

राम शरण नौटियाल  का शिकायत पत्र

हैरानी की बात यह है कि जिला पंचायत ने एक पूर्व बैठक में पंचायतीराज निदेशक और अन्य अधिकारियों से इस मामले को लेकर चर्चा करी थी, जिसमें निदेशक ने बाकायदा यह निर्देश दिए थे कि इसका प्रस्ताव शासन को भेजा जाए, लेकिन जिला पंचायत अपर मुख्य अधिकारी ने ऐसा नहीं किया और टेंडर जारी कर दिया। सवाल यह है कि अपर मुख्य अधिकारी ने निदेशक के आदेश क्यों नहीं माने ?

टेंडर अखबार में प्रकाशित होने के बाद जब पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष रामशरण नौटियाल ने इस मामले में शिकायत की तो, शासन ने फिर से जिला पंचायत को टेंडर निरस्त करने के सख्त निर्देश जारी किए। अपर मुख्य अधिकारी को कार्रवाई तक की चेतावनी दी गई। बावजूद, टेंडर निरस्त ना करके उसे फिलहाल स्थगित किया गया।

उनका कहना है कि सवाल यह भी उठता है कि निविदा आमंत्रित करने के पीछे जिला पंचायत की क्या मंशा हो सकती है ? क्या किसी चहेते को लाभ पहुंचाने के लिए ऐसा फैसला तो नहीं लिया गया ? इस बेशकीमती सम्पत्ति को खुर्द-बुर्द करने की जिला पंचायत को ऐसी क्या जल्दी है ? क्या टेंडर की शर्तें भी किसी को सहूलियत पहुंचाने के लिए बनाई गई ?

पंचायतराज निदेशक के निर्देश 

19 नवम्बर 2024 को निविदा सूचना समाचार पत्र में प्रकाशित होती है, अगले दिन 20 नवम्बर 2024 से निविदा विक्रय और एक सप्ताह के भीतर यानि 27 नवम्बर को टेंडर खुलने की तिथि रखी गई। सवाल है कि आखिर ऐसा क्यों ?

रामशरण नौटियाल ने बताया कि “निविदा सूचना पढ़ने से प्रतीत होता है कि टू बिड सिस्टम से टेंडर आमंत्रित करने के पीछे अपने चहेते को छोड़कर अन्य सभी को टेक्नीकल बिड में ही बाहर करने का षड्यन्त्र नजर आता है। जिला पंचायत से पूछा जाना चाहिये कि लखवाड़ व चौराणी बंगलों की नीलामी में क्या टू बिड निविदा आमंत्रित की गई थी ? चकराता में दिन प्रतिदिन पर्यटकों की संख्या बढ़ रही है। पूरे साल बड़ी संख्या में पर्यटक यहां पहुंचते हैं।

इनके अलावा वीआईपी, प्रदेश के उच्चाधिकारी और जनप्रतिनिधि चकराता भ्रमण पर रहते हैं। उनके लिए भी यह सबसे उपयुक्त जगह है। चकराता में 2-2 सूट के मात्र दो बंगले हैं, जिनमें वनविभाग और दूसरा जिला पंचायत का है जो वर्तमान में आवश्यकताओं के अनुरूप काफी नही हैं। ऐसे में जिला पंचायत का एक सूट लीज पर देकर मात्र एक सूट अपने पास रखने का कोई औचित्य नहीं है। इसके अतिरिक्त स्टाफ के रहने की समस्या एक और प्रश्न खड़ा करती है।”

पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष रामशरण नौटियाल का कहना है कि “1997 से 2002 तक जब वो जिला पंचायत अध्यक्ष रहे, उस दौरान जिला पंचायत ने चकराता के इस बंगले को पूर्ण रूप से ध्वस्त करके नया बनाया था। मेरा कार्यकाल समाप्त होने के बाद जिला पंचायत सरकारी धन को ठिकाने लगाने के लिये हाल के वर्षों तक भी लाखों रुपये इस बंगले पर सौन्दर्यकरण और अन्य मद के नाम से अनावश्यक रूप से खर्च कर रही है, जो सीधेतौर पर सरकारी धन का दुरुपयोग है।”

उन्होंने आरोप लगाया कि “लखवाड़ डाक बंगला व उससे लगी पंचायत की समस्त भूमि के साथ ही चौराणी स्थित जीर्ण शीर्ण डाक बंगले की बेशकीमती भूमि को भी इसी प्रकार कौड़ियों के दाम में खुर्द-बुर्द किया जा चुका है, जो आज भी विवादों के घेरे में है। वास्तविक रूप से ये सारे कृत्य जिला पंचायत की बैठकों और जिला पंचायत की समितियों में एक लाईन का प्रस्ताव पास कर एक उच्चाधिकारी और अध्यक्ष को अधिकृत कर जिला पंचायत के अधिकारों को एकाधिकार में परिवर्तित कर किया जाता है।”

टेंडर 

इसका उदाहरण यह है कि जिला पंचायत ने अपनी बैठकों दिनांक 30 जून 2009 में पारित प्रस्ताव संख्या 1 और 23 जनवरी 2020 की नियोजन एवं विकास समिति की बैठक में पारित प्रस्ताव क्रमांक 1 व 3 में सारे अधिकार किसी एक को सौंप दिए गए हैं। ताजा मामले में भी सारे अधिकार जिला पंचायत अध्यक्ष को दिए गए हैं।”

“टेंडर की शर्त में साफतौर पर लिखा गया है कि जिला पंचायत अध्यक्ष किसी एक या सभी निविदाओं को निरस्त कर सकती हैं। इससे सवाल उठता है कि आखिर किसी एक शब्द का प्रयोग क्यों किया गया है ? निरस्त क्यों किया गया, उसका कारण भी नहीं बताया जाएगा। जबकि, टेंडर के नियमानुसार टेक्निकल बिड के निरस्त होने का कारण भी बताना होता है।

हमने इस मामले में जिला पंचायत अध्यक्ष और पंचायतीराज विभाग के संबंधित अधिकारियों से संपर्क करने का प्रयास किया, लेकिन संपर्क नहीं हो पाया। निवर्तमान जिला पंचायत अध्यक्ष और प्रशासक मधु चौहान से ह्वाट्सएप पर मैसेज के जरिए भी राय जानने का प्रयास किया, लेकिन उन्होंने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी।

About प्रदीप रावत 'रवांल्टा'

Has more than 19 years of experience in journalism. Has served in institutions like Amar Ujala, Dainik Jagran. Articles keep getting published in various newspapers and magazines. received the Youth Icon National Award for creative journalism. Apart from this, also received many other honors. continuously working for the preservation and promotion of writing folk language in ranwayi (uttarakhand). Doordarshan News Ekansh has been working as Assistant Editor (Casual) in Dehradun for the last 8 years. also has frequent participation in interviews and poet conferences in Doordarshan's programs.

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