Friday , 10 January 2025
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अब सड़क हादसों में घायलों को मिलेगा कैशलेस इलाज, जानें क्या है पूरी योजना

सड़क हादसों में घायलों को आर्थिक मदद नहीं मिल पाती है। हादसों में मरने वालों को सरकार मुआवजा देती है। लेकिन, ज्यादातर मामलों में घायलों के लिए कोई राहत नहीं होती है। लेकिन, अब सड़क हादसों में घायल होने वालों को सरकार बड़ी राहत देने जा रही है। केंद्रीस सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने इसका ऐलान कर दिया है।

केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कैशलेस उपचार योजना का एलान किया। इसके तहत हादसों के पीड़ितों के सात दिन के इलाज का 1.5 लाख रुपये का खर्च सरकार वहन करेगी। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि अगर पुलिस को हादसे के 24 घंटे के अंदर सूचना दे दी जाती है तो सरकार इलाज का खर्च उठाएगी।

इसके साथ ही उन्होंने हिट एंड रन के मामलों में भी पीड़ित परिवारों को दो लाख रुपये तक मुआवजा देने की घोषणा की। केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने भारत मंडपम में सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के परिवहन मंत्रियों के साथ बैठक की थी।

इसमें परिवहन संबंधी नीतियों और केंद्र व राज्य के बीच सहयोग को लेकर चर्चा की गई। बैठक के बाद केंद्रीय मंत्री ने कहा कि हमने कैशलेस उपचार की योजना शुरू की है। इसके तहत अगर दुर्घटना होने के 24 घंटे के अंदर पुलिस को सूचना दी जाती है तो हम भर्ती होने वाले मरीज के सात दिनों के इलाज का खर्च और इलाज के लिए अधिकतम 1.5 लाख रुपये तक देंगे।

इसके साथ ही हम हिट एंड रन मामलों के मृतकों को दो लाख रुपये देंगे। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि सड़क सुरक्षा सरकार की सर्वाेच्च प्राथमिकता है। 2024 में लगभग 1.80 लाख लोगों की सड़क हादसों में जान चली गई। इसमें से 30 हजार मौतें हेलमेट न पहनने के कारण हुईं। साथ ही 66 फीसदी दुर्घटनाएं 18 से 34 साल आयु के लोगों के साथ हुईं।

इसके अलावा स्कूल-कॉलेजों और शैक्षिणिक संस्थानों के पास प्रवेश और निकास बिंदुओं पर व्यवस्था न होने से हादसों में 10 हजार बच्चों की मौत हो गई। उन्होंने कहा कि स्कूलों के ऑटो रिक्शा और मिनी बसों के लिए नियम बनाए गए हैं। हम इसे कम करने की कोशिश करेंगे।

इन राज्यों में चला था पायलट प्रोजेक्ट
सड़क हादसों में त्वरित उपचार मुहैया कराने के लिए केंद्रीय सड़क परिवहन राजमार्ग मंत्रालय ने छह राज्यों में कैशलेस उपचार योजना को पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर लागू किया था। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि असम, पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़, उत्तराखंड और पुडुचेरी में पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर यह योजना सफल रही है। अब तक इसके जरिये 2100 लोगों की जान बचाई गई है। अब इसे पूरे देश में लागू किया जा रहा है।

About प्रदीप रावत 'रवांल्टा'

Has more than 19 years of experience in journalism. Has served in institutions like Amar Ujala, Dainik Jagran. Articles keep getting published in various newspapers and magazines. received the Youth Icon National Award for creative journalism. Apart from this, also received many other honors. continuously working for the preservation and promotion of writing folk language in ranwayi (uttarakhand). Doordarshan News Ekansh has been working as Assistant Editor (Casual) in Dehradun for the last 8 years. also has frequent participation in interviews and poet conferences in Doordarshan's programs.

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