नैनीताल: पिछले दिनों स्टेट वाइल्ड लाइफ बोर्ड के ने शिवालिक एलिफेंट रिजर्व को खत्म करने का फैसला लिया था। इस मामले को लेकर हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई थी। साथ ही कई प्रर्यावरण प्रेमियों ने भी हाईकोर्ट को पत्र लिखकर सरकार के फैसले पर रोक लगाने की मांग की थी। पिछली सुनवाई में कोर्ट सरकार समेत वाइल्ड लाइफ बोर्ड से जवाब मांगा था। आज हुई सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने उस फैसले पर रोक लगा दी है।
होईकोर्ट ने सरकार को बड़ा झटका लगा है। कोर्ट के फैसले के बाद शिवालिक एलिफेंट रिजर्व को खत्म करने पर फिलहाल ब्रेक लग गया है। हाईकोर्ट ने स्टेट वाइल्ड लाइफ बोर्ड के इस संबंध में लिए गए फैसले पर रोक लगा दी है। केंद्र, राज्य सरकार समेत जैव विविधता बोर्ड, स्टेट वाइल्ड लाइफ बोर्ड को नोटिस जारी कर चार सप्ताह में जवाब दाखिल करने के निर्देश दिए हैं।
जौलीग्रांट एयरपोर्ट के विस्तारीकरण योजना के लिए 24 नवम्बर 2020 को स्टेट वाइल्ड़ लाइफ बोर्ड की बैठक में देहरादून जौलीग्रांट एयरपोर्ट के विस्तार के लिये शिवालिक एलिफेंट रिजर्व को डिनोटिफाई करने का निर्णय लिया था। फैसले के पीदे यह तर्क दिया गया था कि राज्य में इसके कारण विकास परियोजनाएं प्रभावित हो रही हैं। देहरादून की एक्टिविस्ट रीनू पाल ने जानहित याचिका दायर कर फैसले पर रोक लगाने की मांग की थी।
नवनियुक्त मुख्य न्यायाधीश जस्टि राघवेंद्र सिंह चैहान और जस्टिस लोकपाल सिंह की खंडपीठ ने मामले में सुनवाई करते हुए राज्य वन्य जीव बोर्ड के फैसले पर रोक लगा दी। इस क्षेत्र को 1992 में शुरू हुए प्रोजेक्ट एलिफेंट के तहत उत्तराखंड सरकार ने 2002 में शिवालिक एलिफेंट रिजर्व घोषित करने की अधिसूचना जारी की थी। पूरे क्षेत्र में 14 एलिफेंट कॉरिडोर हैं, जिसका क्षेत्रफल राज्य के अंतरगत 5200 वर्ग किलोमीटर है।