लक्सर। लक्सर क्षेत्र में उठे विवाद को लेकर 5 फरवरी को प्रस्तावित महापंचायत के खिलाफ स्थानीय युवाओं ने सोशल मीडिया के माध्यम से अपना विरोध जताना शुरू कर दिया है। युवाओं ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर पोस्ट्स और संदेशों के जरिए आमजन से राजनीतिक विवादों से दूर रहने और सामाजिक सौहार्द बनाए रखने की अपील की है।
हाल ही में सोशल मीडिया पर युवाओं द्वारा शेयर की गई पोस्ट्स में उन्होंने अपने फॉलोअर्स और सोशल मीडिया मित्रों से राजनीतिक प्रतिद्वंदिता में फंसने के बजाय शांति और एकता को बढ़ावा देने का आग्रह किया। युवाओं का मानना है कि इस तरह के विवाद समाज में तनाव पैदा करते हैं और सामाजिक सद्भाव को खतरे में डालते हैं।
इस मामले में युवाओं की सक्रियता ने सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बना दिया है। कई यूजर्स ने युवाओं की इस पहल की सराहना करते हुए इसे समाज के लिए सकारात्मक कदम बताया है। वहीं, कुछ लोगों ने महापंचायत के आयोजन को लेकर अलग-अलग राय व्यक्त की है।
स्थानीय निवासियों का कहना है कि इस तरह के विवादों से बचने के लिए सभी को संयम और सहयोग की आवश्यकता है। युवाओं की इस पहल से उम्मीद जताई जा रही है कि समाज में शांति और सद्भाव बना रहेगा।
कुंवर प्रणव सिंह चैंपियन और विधायक उमेश कुमार के बीच सोशल मीडिया से उपचे विवाद को गुर्जर समाज और ब्राहमण समाज का अपमान का मुद्दा बनाए जाने का प्रयास किया गया। इसकी शुरूआत तब हुई जब चैंपियन ने उमेश कुमार के कार्यालय पर ताबड़तोड़ फायरिंग की और उसके बाद कोर्ट ने उनको जेल भेज दिया।
उसके बाद उमेश भी गुस्से में आए और उन्होंने कुछ बातें कही, जिसके बाद प्रणव सिंह के परिवार और कुछ लोगों ने इस पूरे मामले को गुर्जर समाज के अपमान से जोड़ दिया। इसके अगले ही दिन बड़ी संख्या में गुर्जर लंडोरा पहुंच गए। उसके बाद अपनी ताकत दिखाने के लिए उमेश कुमार के समर्थक भी पहुंच गए। लाठी जार्च और पुलिस पर पथराव की घटना भी सामने आई।
इस पूरे मामले शांत कराने के लिए किसान नेता राकेश टिकैत भी सामने आए। उन्होंने अपनी ओर से पहल कर उमेश कुमार से मुलाकात करने के बाद चैंपियन से भी जेल में मुलाकात की। लग रहा था कि सबकुछ ठीक हो जाएगा। लेकिन, इस जेल में बंद चैंनियन की एक फेसकुब पोस्ट सामने आई, जिसमें राकेश टिकैत पर ही सवाल खड़े किए गए हैं।