Wednesday , 16 April 2025
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उत्तराखंड: विधायक ने तहसील भवन से अस्पताल में शिफ्ट कराया तहसील कार्यालय, लोगों ने भारी आक्रोश

टिहरी : जिले में जाखणीधार तहसील कार्यालय को अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (APHC) पेटब में स्थानांतरित करने के सरकारी प्रयासों ने एक बड़ा विवाद खड़ा कर दिया है। ग्रामीणों का आरोप है कि यह निर्णय स्थानीय जरूरतों के खिलाफ और जनविरोधी है। विरोध इतना उग्र हो गया है कि धरना, प्रदर्शन और अब अनशन तक शुरू हो गया है। विधायक किशोर उपाध्याय जब मौके पर ग्रामीणों को समझाने पहुंचे, तो उन्हें तीखे विरोध का सामना कर उल्टे पांव लौटना पड़ा।

जैसे ही यह जानकारी सामने आई कि तहसील को APHC पेटब में शिफ्ट किया जा रहा है, स्थानीय लोगों ने मोर्चा खोल दिया। उनका कहना है कि पेटब स्वास्थ्य केंद्र पहले ही बुनियादी स्वास्थ्य सुविधाओं की कमी से जूझ रहा है, और अब वहां तहसील दफ्तर खोलना एक ‘ग़लत प्राथमिकता’ का संकेत है। “डॉक्टर लाओ, दफ्तर नहीं” — यही नारा धरनास्थल पर गूंज रहा है।

धरना स्थल पर पहुंचे विधायक किशोर उपाध्याय को ग्रामीणों ने जमकर घेरा। कई बार बहस गरमाई, और ग्रामीणों ने चुनाव में किए गए वादों की याद दिलाई। अस्पताल की हालत सुधारने की बजाय तहसील कार्यालय बैठाने की योजना को उन्होंने सरासर जनविरोधी बताया। बात इतनी बढ़ गई कि विधायक को बिना कोई समाधान दिए वापस लौटना पड़ा।

धरने को कांग्रेस पार्टी का भी समर्थन मिल गया है। कांग्रेस जिलाध्यक्ष राकेश राणा और प्रदेश प्रवक्ता शांति प्रसाद भट्ट ने मौके पर पहुंचकर कहा कि यह फैसला स्थापित संस्थाओं को खत्म करने की साजिश है। उन्होंने मांग की कि तहसील को पूर्व की तरह कोशियार तोक में ही संचालित किया जाए, और साथ ही पेटब-कोशियार-अखोडीसैण मार्ग का चौड़ीकरण और डामरीकरण भी हो।

पेटब गांव के लोग, जिन्होंने स्वास्थ्य केंद्र के लिए ज़मीन दान की थी, अब कहते हैं कि वे किसी भी हाल में अस्पताल में तहसील नहीं चलने देंगे। आत्मदाह की चेतावनी तक दे दी गई है। महिलाओं की बड़ी संख्या भी धरने में जुट गई है, जिससे आंदोलन में भावनात्मक और सामाजिक ताकत दोनों दिखाई दे रही है।

ईटीवी भारत से बातचीत में किशोर उपाध्याय ने धक्का-मुक्की के आरोपों को नकारते हुए कहा कि तहसील शिफ्टिंग का फैसला जनता की सुविधा के लिए लिया गया है। उन्होंने कहा, “जनता के आशीर्वाद से विधायक बना हूं, ऐसे में मैं उनके साथ दुर्व्यवहार क्यों करूंगा?” उन्होंने वायरल वीडियो को भी राजनीतिक साज़िश बताया।

About प्रदीप रावत 'रवांल्टा'

Has more than 19 years of experience in journalism. Has served in institutions like Amar Ujala, Dainik Jagran. Articles keep getting published in various newspapers and magazines. received the Youth Icon National Award for creative journalism. Apart from this, also received many other honors. continuously working for the preservation and promotion of writing folk language in ranwayi (uttarakhand). Doordarshan News Ekansh has been working as Assistant Editor (Casual) in Dehradun for the last 8 years. also has frequent participation in interviews and poet conferences in Doordarshan's programs.
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