उत्तराखंड में 2022 में विधानसभा चुनाव होने हैं। उत्तराखंड में भाजपा-कांग्रेस राज्य की सत्ता का बंटवारा करते आ रहे हैं। राज्य में जब भी चुनाव होते हैं। चुनावी गीतों की भरमार हो जाती है। लेकिन, कुछ गीत ऐसे भी आए, जिन्होंने राज्य की सियासत में भूचाल ला दिया। गढ़ रत्न नरेंद्र सिंह नेगी के गीत नौ छमी नारायण और अब कतगा खैलो रे…सभी को याद होंगे। इन गीतों ने राज्य के सीएम बदल दिए।
गाना माया उपाध्याय ने गाया है
सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत को लेकर झांपू बोडा गोना भी खूब चर्चाओं में रह चुका है। आज एक और गाना लाॅन्च हो गया है। ये गाना माया उपाध्याय ने गाया है। इस गाने से भले ही राज्य की सियासत में कोई बड़ा भूचाल ना आए, लेकिन कांग्रेस के भीतर फिर सू बड़ा तूफान खड़ा हो सकता है।
कांग्रेस के भीतर गुटबाजी
दरअसल, कांग्रेस के भीतर गुटबाजी चल रही है। यहां तीन गुट हैं। हालांकि दो गुट एकजुट हैं, लेकिन पूर्व सीएम हरीश रावत का गुट अलग है। माया उपाध्याय ने गाना लाॅन्च किया है…हरदा हमारा…आला दुबारा…। इस गाने में हरीश रावत सरकार में चलायी गई योजनाओं को प्रचार किया गया है।
कांग्रेस के भीतर इस गोने के बाद असहजता
लेकिन, कांग्रेस संगठन के भीतर इस गोने के बाद असहजता है। वह इसलिए कि हरीश रावत लगातार चेहरे की राजनीति की बात कर रहे हैं। उन्होंने ही कहा था कि चेहरा बनाम चेहरा होना चाहिए। हालांकि कांग्रेस आलाकमान ने उनके प्रस्ताव को नकार दिया और सामुहिक नेतृत्व पर ही चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया।
गाना लाॅन्च हुआ है
अब जिस तरह से गाना लाॅन्च हुआ है। उससे एक बात तो यह साफ हो गई कि इसमें हरीश रावत की चेहरा बनाम चेहरा की राजनीति साफ नजर आ रही है। गोन में उनके कार्यकाल की योजनाओं को पिरोया गया है। वो भी यही चाहते हैं कि त्रिवेंद्र रावत की योजनाओं से उनकी योजनाओं का तुलना की जाए।
क्या प्रतिक्रियाएं आती हैं
अब देखना यह होगा कि कांग्रेस के भीतर इस गाने को लेकर क्या प्रतिक्रियाएं आती हैं। भाजपा की भी गोन पर नजर होगी। जो भी हो…माया उपाध्याय का ये गाना तेजी से वायरल हो रहा है। हालांकि माया उपाध्याय ने कहा है कि उनको राजनीति से कोई मतलब नहीं है। उन्होंने गाना अपनी मर्जी से तैयार किया है।
-प्रदीप रावत (रवांल्टा)