उधमसिंह नगर: वीरभूमि उत्तराखंड के एक और लाल ने देश के लिए शहादत दी है। देश की रक्षा में तैनात जवान का उल्फा उग्रवादियों ने 12 जुलाई को अपहरण कर लिया था और 16 जुलाई को उनका पार्थिव शरीर मिला था।
शहीद हवलदार हयात सिंह महर (48) पुत्र स्व. त्रिलोक सिंह 31 आसाम राइफल्स में मणिपुर में तैनात थे। जवान की शहादत से क्षेत्र में शोक की लहर है। शहीद अपने पीछे पत्नी चंद्रा महर, पुत्री रेखा (21) व पुत्र अमित सिंह महर (18) को रोता बिलखता छोड़ गए हैं।
शहीद की पुत्री रेखा बीएससी व पुत्र अमित बीटेक की पढ़ाई कर रहे है। मणिपुर में शहीद हुए खटीमा में झनकट निवासी आसाम राइफल्स के हवलदार हयात सिंह महर का पार्थिव शरीर बुधवार को उनके निवास स्थान झनकट पहुंचा। पार्थिव शरीर के घर पहुंचते ही परिजन बदहवास हो गए।
शहीद का अंतिम संस्कार सैन्य सम्मान के साथ बनबसा शारदा घाट पर किया गया। वह 1992 में भर्ती हुए थे। मूल रूप से पिथौरागढ़ जिले की डीडीहाट तहसील के ग्राम जमतड़ निवासी हयात सिंह का परिवार झनकट की डिफेंस कॉलोनी में रहता है।
बुधवार को शहीद का पार्थिव शरीर लेकर रेजीमेंट के दो अधिकारी उनके निवास स्थान पहुंचे। शहीद को श्रद्धांजलि देने के लिए लोगों का हुजूम उमड़ पड़ा। बनबसा छावनी स्थित 8 जेकलाई रेजीमेंट के जवानों ने शहीद के आवास पर पहुंचकर उन्हें श्रद्धांजलि दी।
इसके बाद सेना के जवान पार्थिव शरीर को लेकर शारदा घाट पहुंचे। वहां जेकलाई रेजीमेंट के जवानों ने उन्हें अंतिम सलामी दी।