चमोली: चमोली जिले में डीएम और पत्रकारों के बीच खुली जंग का ऐलान हो गया है। पत्रकारों ने बैठक कर डीएम के किसी भी कार्यक्रम को कवर नहीं करने का फैसला लिया है। डीएम के खिलाफ पत्रकारों ने खबर छोपी तो DN ने बाकायदा पहले पत्रकारों की जांच कराई और फिर उन पर कार्रवाई के लिए अपने मातहतों को लगा दिया। सरकार आवास में किराए पर रहे पत्रकारों के परिवारों को रातों-रात आवास खाली करने का फरमान सुना दिया गया। पत्रकार के नाम आवंटित दुकान में किराए पर काम कर रहे युवक की दुकान पर ताला जड़ दिया गया।
नगर पालिका ने 24 घंटे के भीतर पत्रकारों और व्यापारियों के सरकारी आवास खाली करवाने के आदेश जारी कर दिए हैं। पत्रकार और व्यापारियों ने इसे डीएम की तानाशाही बताया है। आज हुई कार्यवाही के बाद जहां गोपेश्वर मुख्यालय में व्यापारियों ने बाजार बंद कर दिया। पत्रकारों ने बैठक बुलाकर जिलाधिकारी स्वाति भदौरिया के कार्यक्रमों का बहिष्कार कर दिया।
पत्रकारों और व्यापारियों का कहना है कि कुछ दिन पहले पत्रकारों ने डीएम स्वाति एस भदौरिया ने होमगार्ड को सस्पेंड करने को लेकर एक खबर प्रमुखता से प्रकाशित की थी। इसमें कहा गया था कि कोविड-19 में बच्चे को पार्क में खेलने ना दिए जाने पर जिलाधिकारी स्वाति एस भदौरिया ने होमगार्ड को 3 साल के लिए सस्पेंड कर दिया था।
इस खबर से डीएम की खूब किरकिरी भी हुई। हालांकि डीएम ने सोशल मीडिया पर अपनी सफाई देते हुए कहा था कि यह बच्चा उनका नहीं था। उनसे शिकायत की गई थी कि होमगार्ड ने उनके बच्चे को पीटा है। साथ ही यह भी कहा था, यह घटना उस दौरान की है, जब लॉकडाउन समाप्त हो गया था। उन्होंने इन खबरों को गलत ठहराया था।
प्रेस क्लब चमोली द्वारा देवेंद्र सिंह रावत अध्यक्ष के नेतृत्व में एक बैठक की गई, जिसमें यह प्रस्ताव पारित किए गए कि जिलाधिकारी चमोली द्वारा पत्रकारों के साथ शुरू से ही असहयोग रहता है। कभी भी इनके कार्यकाल में प्रेस उत्पीड़न समिति नहीं बनाई गई। और ना ही कभी प्रेस वार्ता की जाती है। जबकि नगर पालिका द्वारा आवंटित कक्ष जो पत्रकारों को दिए गए है। उनको अवैध रूप से सील कर दिया दिया।
डीएम स्वाति एस भदौरिया का कहना है कि नगर पालिका की कार्रवाई सही है। जिन लोगों को नोटिस भेजे गए थे। उन्होंने वर्षों से किराया नहीं दिया है। जबकि उन्हें पहले भी कई बार नोटिस भेज दिया गया था। उन्होंने कहा कि कई लोगों ने नगर पालिका के कक्षों पर कब्जा किया हुआ है। साथ ही दुकानों को महंगे दामों पर किराए पर दिया गया है।
ऐसे में उन बिचौलियों को प्रशासन हटा रहा है। जबकि जो लोग वास्तव में वहां अपना व्यवसाय कर रहे हैं। उन्हें रहने दिया जाएगा। जिला अधिकारी स्वाति एस भदौरिया ने कहा इस मामले को किसी अन्य मुद्दे से जोड़कर बेवजह तूल दिया जा रहा है।
बैठक में पत्रकार देवेन्द्र रावत (दैनिक जागरण), प्रमोद सेमवाल (अमर उजाला), विवेक रावत (हिंदुस्तान), महानंद (राष्ट्रीय सहारा), प्रभात पुरोहित (ईटीवी), सुरेंद्र रावत (हिंदी खबर) राजा तिवारी (पंजाब केसरी), नंदन रावत (जन आगाज), रणजीत (साह टाइम्स), विनोद रावत (स्वर्गारोहिणी) पुष्कर चौधारी (जी-न्यूज़) जगदीश पोखरियाल, राम सिंह राणा (दैनिक जागरण), सन्दीप बर्त्वाल (केदारखण्ड एक्सप्रेस), सोनिया मिश्रा (एक्सप्रेस एक्सप्रेस), नवीन चंदोला (केदारखण्ड एक्सप्रेस) जिलाधिकारी स्वाति भदौरिया के सभी कार्यक्रमों का बहिष्कार किया है।