ED-CBI पर भारी पड़े केजरीवाल! सुप्रीम कोर्ट ने सुनाया बड़ा फैसला; पढ़ें केजरीवाल को किन शर्तों में पर मिली जमानत

नई दिल्ली। Delhi Excise Policy Case राजधानी दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को कई महीनों बाद तिहाड़ जेल जमानत मिल गई है। शराब घोटाले में जेल में बंद चल रहे केजरीवाल की जमानत से आम आदमी पार्टी में खुशी की लहर दौड़ गई है।आइए आपको बताते हैं कि आखिर केजरीवाल को किन-किन शर्तों पर सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिली है।

 

हालांकि, जमानत देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कुछ शर्तें भी लगाई हैं. जमानत के लिए उनपर वहीं शर्तें लागू होंगी, जो ईडी के मामले में जमानत देते हुए लगाई गई थीं. जेल से बाहर आने के बाद केजरीवाल किसी भी फाइल पर दस्तखत नहीं कर पाएंगे. इसके साथ ही उनके दफ्तर जाने पर भी पाबंदी रहेगी. इतना ही नहीं, इस मामले में वो कोई बयान या टिप्पणी भी नहीं कर सकेंगे.

जमानत के लिए क्या शर्तें होंगी

– अरविंद केजरीवाल मुख्यमंत्री कार्यालय नहीं जा पाएंगे.
– किसी भी फाइल पर दस्तखत नहीं कर सकेंगे.
– केस से जुड़े मामले पर सार्वजनिक चर्चा या टिप्पणी नहीं करेंगे.
– जांच में बाधा डालने या गवाहों को प्रभावित करने की कोशिश नहीं करेंगे.
– जरूरत पड़ने पर ट्रायल कोर्ट में पेश होंगे और जांच में सहयोग करेंगे.

गिरफ्तारी और 156 दिनों का जेल प्रवास

Arvind Kejriwal को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने 21 मार्च को गिरफ्तार किया था। इसके बाद, उन्हें 10 दिन की पूछताछ के बाद 1 अप्रैल को तिहाड़ जेल भेज दिया गया था। मई में, उन्हें 21 दिन के लिए चुनाव प्रचार के उद्देश्य से रिहा किया गया, लेकिन बाद में फिर से जेल भेजा गया। कुल मिलाकर, केजरीवाल ने 156 दिन जेल में बिताए।

 

हरियाणा चुनावों पर असर

Arvind Kejriwal की रिहाई ऐसे समय पर हुई है जब हरियाणा में विधानसभा चुनाव नजदीक हैं। आम आदमी पार्टी के लिए यह फैसला महत्वपूर्ण हो सकता है, क्योंकि उनकी रिहाई से पार्टी के प्रचार में जोर आएगा। केजरीवाल का हरियाणा में काफी प्रभाव है, और उनकी रिहाई के बाद पार्टी की रणनीतियों में तेजी आ सकती है।

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आप के कार्यकर्ताओं और समर्थकों के बीच इस निर्णय से उत्साह का माहौल है, और यह देखा जा रहा है कि केजरीवाल की वापसी किस प्रकार हरियाणा चुनावों में आप के लिए मददगार साबित हो सकती है।