नई दिल्ली: संसद के बजट सत्र के दूसरे चरण में आज बुधवार को लोकसभा और राज्यसभा की कार्यवाही सुबह 11 बजे शुरू हुई। केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने वक्फ संशोधन विधेयक 2025 को लोकसभा में पेश किया, जिसका उद्देश्य 1995 के वक्फ अधिनियम में संशोधन करना है। विधेयक पर 8 घंटे की चर्चा निर्धारित की गई है, जिसे आवश्यकता पड़ने पर बढ़ाया भी जा सकता है।
बीजेपी और कांग्रेस दोनों ने अपने सांसदों को सदन में उपस्थित रहने के लिए व्हिप जारी किया है। हालांकि, भाजपा नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) और विपक्षी गठबंधन इंडिया के बीच किसी आम सहमति के संकेत नहीं हैं, जिससे विधेयक पर फैसला बहुमत के आधार पर होने की संभावना है।
प्रमुख घटनाक्रम:
🔹 रिजिजू ने दी सफाई:
लोकसभा में विधेयक पेश करने के बाद संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने स्पष्ट किया कि मस्जिदों, दरगाहों और मुस्लिम संपत्तियों को जब्त करने की कोई योजना नहीं है। उन्होंने कहा कि वक्फ उपयोगकर्ता प्रावधान हटाने के बावजूद इन संपत्तियों की सुरक्षा सुनिश्चित की गई है।
🔹 कांग्रेस का हमला:
कांग्रेस के उपनेता गौरव गोगोई ने सरकार से पूछा कि लोकसभा में उनके कितने अल्पसंख्यक सांसद हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार अल्पसंख्यकों की सहानुभूति हासिल करने की कोशिश कर रही है, लेकिन ईद की नमाज के लिए सड़कों पर अनुमति नहीं दी गई।
🔹 अखिलेश यादव का विरोध:
समाजवादी पार्टी के सांसद अखिलेश यादव ने कहा कि बीजेपी इस विधेयक के जरिए अपनी नाकामी छुपाने की कोशिश कर रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार मुस्लिमों की जमीन की पहचान इसलिए कर रही है ताकि अन्य महत्वपूर्ण मुद्दों से ध्यान भटकाया जा सके।
🔹 रविशंकर प्रसाद का बचाव:
बीजेपी सांसद रविशंकर प्रसाद ने कहा कि वक्फ विधेयक किसी भी धार्मिक संस्था के खिलाफ नहीं है। उन्होंने जोर दिया कि वक्फ संपत्तियों को लूटने नहीं दिया जाएगा और इनका उचित प्रबंधन जरूरी है।
🔹 अमित शाह की टिप्पणी:
गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि कांग्रेस के समय में समितियां सिर्फ मुहर लगाने के लिए बनाई जाती थीं, जबकि बीजेपी सरकार में व्यापक चर्चा के बाद निर्णय लिए जाते हैं।
🔹 विपक्ष का आरोप:
कांग्रेस सांसद केसी वेणुगोपाल ने आरोप लगाया कि सरकार जबरन कानून थोप रही है और विधेयक पर समुचित चर्चा का अवसर नहीं दिया गया।
🔹 राम गोपाल यादव का बयान:
समाजवादी पार्टी के सांसद राम गोपाल यादव ने विधेयक को तानाशाहीपूर्ण और असंवैधानिक करार दिया और कहा कि विपक्ष इसे लेकर विस्तृत चर्चा चाहता है ताकि देश को असलियत पता चल सके।
🔹 गिरिराज सिंह का बयान:
केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा कि यह विधेयक पूरी तरह से संवैधानिक है और इसका विरोध करने वाले ही असल में मुसलमानों के खिलाफ हैं।
विधेयक को लेकर सदन में जबरदस्त बहस चल रही है। सरकार इसे पारित कराने के लिए पूरी तरह तैयार है, जबकि विपक्ष इस पर खुली चर्चा और संशोधन की मांग कर रहा है।