भारत में कोरोना के नए मामले लगातार बढ़ रहें हैं। पिछले एक हफ्ते में केरल में कोरोना के सबसे ज्यादा 335 नए मामले दर्ज किए गए, जिसके साथ राज्य में कुल सक्रिय मामले 403 हो गए हैं। महाराष्ट्र में 153 नए मामले सामने आए, जिनमें से 209 मामले अकेले मुंबई से हैं। दिल्ली में 99 नए मामले दर्ज हुए, और कुल सक्रिय मामले 104 हैं। गुजरात में 76 और कर्नाटक में 34 नए मामले सामने आए हैं। इसके अलावा, उत्तर प्रदेश में 15 और पश्चिम बंगाल में 12 सक्रिय मामले हैं।
पश्चिम बंगाल में बढ़ते मामले
पश्चिम बंगाल में चार नए कोविड-19 मामले सामने आए हैं, जिसके बाद राज्य में सक्रिय मामलों की संख्या 11 हो गई है। स्वास्थ्य विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि अधिकांश मामले कोलकाता और इसके आसपास के इलाकों से हैं। मरीजों का सरकारी और निजी अस्पतालों में इलाज चल रहा है, और ज्यादातर सांस संबंधी समस्याओं से पीड़ित हैं। 19 मई तक बंगाल में केवल एक सक्रिय मामला था।
नए वेरिएंट का खतरा
इंडियन SARS-CoV-2 जीनोमिक्स कंसोर्टियम (Insacog) के अनुसार, दो नए वेरिएंट NB.1.8.1 और LF.7 का पता चला है। NB.1.8.1 का एक मामला अप्रैल में तमिलनाडु में और LF.7 के चार मामले मई में गुजरात में दर्ज किए गए। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने इन्हें “Variants Under Monitoring” की श्रेणी में रखा है, न कि “Variants of Concern” या “Variants of Interest”। फिर भी, ये वेरिएंट एशिया में मामलों की वृद्धि का कारण बन रहे हैं। भारत में JN.1 अभी भी प्रमुख वेरिएंट है, जो 53% नमूनों में पाया गया है।
मौतें और स्वास्थ्य स्थिति
पिछले सात दिनों में सात मौतें दर्ज की गईं, जिनमें महाराष्ट्र में 21 वर्षीय एक मरीज की मौत शामिल है, जो डायबिटिक कीटोएसिडोसिस से पीड़ित था। कर्नाटक में 84 वर्षीय एक बुजुर्ग की कई अंगों के काम न करने के कारण मृत्यु हुई। अधिकांश मामले हल्के हैं, और मरीज घर पर ही उपचार ले रहे हैं।
सरकार और स्वास्थ्य विभाग की सतर्कता
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने स्थिति की समीक्षा की है और राज्यों को सतर्क रहने के निर्देश दिए हैं। केरल, कर्नाटक, और दिल्ली जैसे राज्यों ने मास्क पहनने और भीड़भाड़ वाली जगहों पर सावधानी बरतने की सलाह दी है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि घबराने की जरूरत नहीं है, क्योंकि अधिकांश मामले हल्के हैं और कोई बड़ा उछाल नहीं देखा गया है।
जनता से अपील
स्वास्थ्य विभाग ने लोगों से मास्क पहनने, बार-बार हाथ धोने और सांस संबंधी लक्षण दिखने पर तुरंत चिकित्सा सलाह लेने की अपील की है। अस्पतालों को अतिरिक्त बेड और ऑक्सीजन की व्यवस्था करने के निर्देश दिए गए हैं।