Friday , 14 March 2025
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अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर मुख्यमंत्री धामी ने किया नारी शक्ति का सम्मान

देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शनिवार को आई.आर.डी.टी. ऑडिटोरियम, देहरादून में आयोजित अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस कार्यक्रम में प्रतिभाग किया। इस दौरान उन्होंने विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट कार्य करने वाली महिलाओं को सम्मानित किया। सम्मानित महिलाओं में सुश्री रेशमा शाह, भारती, पार्षद अंजना रावत,  बीना,  रेखा पांडे,  ममता,  सरिता पंवार सहित कई अन्य महिलाएं शामिल रहीं।

महिला ड्राइवरों को हरी झंडी दिखाकर किया रवाना

मुख्यमंत्री ने “महिला सारथी” (पायलट प्रोजेक्ट) के तहत महिला ड्राइवरों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। इस पहल का उद्देश्य महिलाओं को रोजगार के अधिक अवसर प्रदान करना और उनके आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देना है।

महिलाएं हर क्षेत्र में नेतृत्व कर रही हैं”

मुख्यमंत्री धामी ने अपने संबोधन में कहा कि उत्तराखंड की महिलाएं आत्मविश्वास और नेतृत्व क्षमता से परिपूर्ण हैं। शिक्षा, चिकित्सा, राजनीति, खेल, विज्ञान, सेना, कृषि और उद्योग जैसे हर क्षेत्र में वे अपनी पहचान बना रही हैं। उन्होंने कहा कि विकसित भारत के निर्माण में महिलाओं की भूमिका सबसे महत्वपूर्ण होगी और राज्य सरकार उनके सशक्तिकरण के लिए पूरी प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रही है।

उत्तराखंड में लागू हुआ समान नागरिक संहिता

महिला सुरक्षा को लेकर सरकार की प्राथमिकता पर जोर देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड देश का पहला राज्य है जिसने समान नागरिक संहिता (UCC) लागू की है। इसमें महिलाओं की सुरक्षा और अधिकारों के लिए विशेष प्रावधान किए गए हैं। उन्होंने कहा कि लिव-इन रिलेशनशिप हमारी संस्कृति का हिस्सा नहीं है, और इसमें रहने वाले युवाओं की जानकारी उनके माता-पिता और प्रशासन को होनी चाहिए ताकि किसी भी अप्रिय घटना से बचा जा सके।


महिला सशक्तिकरण के लिए केंद्र सरकार की योजनाएं

मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश में महिलाओं के उत्थान के लिए किए गए प्रयासों की सराहना की। उन्होंने बताया कि—

पिछले 11 वर्षों में 30 करोड़ से अधिक महिलाओं के जन-धन बैंक खाते खोले गए।

12 करोड़ से अधिक शौचालय बनाकर माताओं-बहनों की गरिमा सुनिश्चित की गई।

“लखपति दीदी योजना” के माध्यम से 1 करोड़ से अधिक महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त किया जा रहा है।

30 करोड़ से अधिक महिलाओं को मुद्रा योजना के तहत लोन देकर आत्मनिर्भर बनाया गया।

संसद में महिलाओं को 33% आरक्षण देने का ऐतिहासिक कानून पारित किया गया।


उत्तराखंड में महिलाओं के लिए विशेष योजनाएं

राज्य सरकार भी महिलाओं की शिक्षा, रोजगार और उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए कई योजनाएं संचालित कर रही है—

नंदा गौरा योजना: बालिकाओं के जन्म पर ₹11,000 और 12वीं कक्षा उत्तीर्ण करने पर ₹51,000 की प्रोत्साहन राशि।

सशक्त बहना उत्सव योजना और मुख्यमंत्री महिला स्वयं सहायता समूह सशक्तिकरण योजना के तहत महिलाओं को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाने के प्रयास।

महिला सुरक्षा के लिए वन स्टॉप सेंटर, महिला हेल्पलाइन 181 और महिला पुनर्वास केंद्रों की स्थापना।

राज्य की बेटियों को सरकारी नौकरियों में 30% क्षैतिज आरक्षण।

महिला स्वयं सहायता समूहों को 5 लाख तक का ब्याज मुक्त ऋण।

महिला उत्पाद अब मल्टीनेशनल कंपनियों को दे रही टक्कर”

मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रदेश के स्वयं सहायता समूहों द्वारा बनाए गए उत्पाद अब “हाउस ऑफ हिमालयाज” ब्रांड के माध्यम से देश-विदेश में अपनी पहचान बना रहे हैं। इन उत्पादों की गुणवत्ता इतनी बेहतर है कि वे अब मल्टीनेशनल कंपनियों को भी टक्कर दे रहे हैं।

महिलाओं को अपनी क्षमताओं का आंकलन करना होगा” – रेखा आर्य

कैबिनेट मंत्री रेखा आर्य ने कहा कि महिलाओं को अपनी क्षमताओं का स्वयं आंकलन करना होगा और आगे बढ़ने के लिए स्वनिर्णय लेना होगा। उन्होंने कहा कि समाज में महिलाओं को बराबरी का दर्जा मिल रहा है और वे आत्मनिर्भर बनकर खुद के साथ-साथ समाज को भी सशक्त बना रही हैं।

इस अवसर पर विधायक खजान दास, राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग अध्यक्ष डॉ. गीता खन्ना, सचिव चंद्रेश यादव, निदेशक प्रशांत आर्य सहित कई गणमान्य व्यक्ति मौजूद रहे।

 

About प्रदीप रावत 'रवांल्टा'

Has more than 19 years of experience in journalism. Has served in institutions like Amar Ujala, Dainik Jagran. Articles keep getting published in various newspapers and magazines. received the Youth Icon National Award for creative journalism. Apart from this, also received many other honors. continuously working for the preservation and promotion of writing folk language in ranwayi (uttarakhand). Doordarshan News Ekansh has been working as Assistant Editor (Casual) in Dehradun for the last 8 years. also has frequent participation in interviews and poet conferences in Doordarshan's programs.

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