देहरादून। उत्तराखंड में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव का शोर अब निर्णायक मोड़ पर पहुंच चुका है। राज्य निर्वाचन आयोग ने बताया कि कुल 63,509 नामांकनों में से 3,382 को निरस्त किया गया है, जबकि 1,313 उम्मीदवारों ने स्वेच्छा से अपना नाम वापस ले लिया है।
इसके बाद अब 58,814 प्रत्याशी चुनावी समर में डटे हुए हैं। शनिवार दोपहर 3 बजे तक नाम वापसी की अंतिम समयसीमा तय की गई है, जिसके बाद साफ हो जाएगा कि किन पदों पर कितने उम्मीदवार निर्विरोध चुन लिए जाएंगे और किन सीटों पर कड़ा मुकाबला होगा।
इस बार का चुनाव खास इसलिए भी है क्योंकि मैदान में उतरी महिला प्रत्याशियों की संख्या कुल उम्मीदवारों का 59 प्रतिशत है, जो स्थानीय लोकतंत्र में महिला भागीदारी की बढ़ती ताकत को दर्शाता है।
इधर, चुनावी सरगर्मी के बीच पुलिस और आबकारी विभाग की सक्रियता भी रंग दिखा रही है। अब तक दो करोड़ से अधिक की अवैध नकदी, शराब, मादक पदार्थ और कीमती धातु जब्त की जा चुकी है। कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए सुरक्षा एजेंसियां पूरी मुस्तैदी से जुटी हैं।
अब निगाहें 14 जुलाई को होने वाले चुनाव चिह्न आवंटन और 24 जुलाई को होने वाली वोटिंग पर टिकी हैं। ग्रामीण सत्ता की चाबी किसके हाथ में होगी, यह फैसला अब जनता के हाथों में है।
महिला शक्ति का दबदबा
इस बार पंचायत चुनाव में महिला प्रत्याशियों की भागीदारी ने नया कीर्तिमान रच दिया है। कुल प्रत्याशियों में 59 प्रतिशत महिलाएं हैं, जो ग्रामीण सत्ता में महिलाओं की मज़बूत दस्तक का संकेत दे रही हैं।
पंचायत चुनाव की सख्ती के बीच पुलिस और आबकारी विभाग की कार्रवाई भी जारी है। पुलिस ने अब तक 3.29 किलो मादक पदार्थ, 0.3915 किलो कीमती धातु, और 4.22 लाख रुपये नकद जब्त किए हैं। आबकारी विभाग ने 1.14 हजार लीटर से अधिक अवैध शराब बरामद की है, जिसकी कीमत लगभग 6.41 लाख रुपये आंकी गई है। कुल मिलाकर 2 करोड़ 1 लाख 51 हजार 924 रुपये की अवैध नकदी, शराब और मादक पदार्थ जब्त किए जा चुके हैं।
जैसे-जैसे मतदान की तारीख नजदीक आ रही है, चुनावी माहौल में सरगर्मी बढ़ती जा रही है। निर्वाचन आयोग की सक्रियता और पुलिस-प्रशासन की निगरानी इस बार पंचायत चुनाव को और अधिक पारदर्शी और सख्त बनाने की ओर बढ़ रही है। अब देखना यह है कि 24 जुलाई को किसे गांव की सत्ता का जनादेश मिलता है।