नैनीताल: प्रदेशभर में लगातार भारी बारिश हो रही है। भारी बारिश के कारण लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। कुमाऊं में पिछले करीब घंटे से मूसलाधार बारिश के कारण शनिवार को दिन भर जनजीवन अस्तव्यस्त रहा। पहाड़ों पर जगह-जगह भूस्खलन और मलबे से कई जगह मकान क्षतिग्रस्त हो गए तो कहीं सड़कों का नामोनिशान मिट गया। गरमपानी में बोल्डर की चपेट में आने पर्यटक और पिथौरागढ़ जिले में मजदूर की जान चली गई। हल्द्वानी में गधेरे में बहने से होमगार्ड की मौत हो गई।
मंडल में 46 सड़कों पर यातायात बंद हो गया है। बारिश के कारण अल्मोड़ा-पिथौरागढ़ राष्ट्रीय राजमार्ग में पिथौरागढ़ की ओर मलबा आने से डेढ़ घंटे एनएच बंद रहा। टनकपुर चंपावत राष्ट्रीय राजमार्ग पर स्वांला के पास सड़क का 30 मीटर हिस्सा पूरी तरह बह गया। इस कारण लोहाघाट डिपो की रोडवेज की 13 बसें टनकपुर में फंसी रहीं।
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बागेश्वर-कपकोट मोटर मार्ग में कभड़ भ्योल के समीप पहाड़ी से भारी मात्रा में मलबा गिरा और कई घंटे यातायात ठप रहा। अल्मोड़ा और बागेश्वर में एक-एक आवासीय मकान ध्वस्त हो गया है। नैनीताल-हल्द्वानी रोड में ताकुला क्षेत्र में कई जगह सड़क में धंसाव होने लगा है। बारिश के बाद नैनीताल-भवाली रोड में कई जगह दरारें नजर आने लगी हैं।
रुद्रपुर में लगातार बारिश से शनिवार को कल्याणी का जलस्तर अचानक बढ़ा तो नगर में बाढ़ जैसे हालात बन गए। नदी के किनारे स्थित 200 से अधिक मकानों में पानी घुस गया। लोग घबराकर मकानों की छतों पर चढ़ गए। पुलिस और प्रशासन की टीमों ने कुछ लोगों को प्रभावित क्षेत्रों से बाहर निकाला। रुद्रपुर में शाम को कल्याणी नदी के पानी के घरों में घुसने से मुखर्जी नगर, जगतपुरा, ट्रांजिट कैंप, भूत बंगला आदि क्षेत्रों में रह रहे लोगों में दहशत फैल गई। एडीएम ललित नारायण मिश्रा ने टीम के साथ जगतपुरा और भूतबंगला में जलभराव से प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया।
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मुखर्जी नगर में काफी जलभराव हो गया है। प्रभावित लोगों को शरण देने के लिए स्कूल चिह्नित कर लिए गए हैं। अरविंदनगर गांव में पांच फीट तक पानी भर गया। करीब 200 परिवारों के घरों में पानी घुस गया। प्रशासन ने नदी किनारे रहने वाले परिवारों को झाड़ी गांव के प्राथमिक स्कूल में बने राहत शिविरों में ठहराया है। बैगुल, कैलाश, सूखी नदी भी पूरे उफान पर पहुंच गई। बैगुल नदी किनारे बसा अरविंदनगर गांव पूरी तरह जलमग्न हो गया है। अरविंद नगर नंबर सात, आठ, नौ में रहने वाले करीब दो सौ परिवारों के घरों में पानी घुस गया। चीकाघाट, उकरौली समेत करीब आधा दर्जन गांव जलमग्न हो गए।
तहसीलदार जगमोहन त्रिपाठी, कानूनगो मोइनुद्दीन और पटवारी भगीरथ लाल ने लोगों को घरों से सुरक्षित स्थान तक पहुंचाने के लिए नाव उपलब्ध कराई गई है।पालिकाध्यक्ष हरीश दुबे ने बताया कि पालिका ने जल निकासी के लिए कई जगह जेसीबी के साथ टीम को तैनात किया है। कोतवाल प्रकाश सिंह दानू, एसएसआई विनोद फर्त्याल की पुलिस टीम ने गांव से करीब 80 परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया।
सितारगंज में प्रशासन ने नदी किनारे बसे लोगों को बाढ़ राहत शिविरों में ठहराने की व्यवस्था की है। उन्होंने लोगों को बारिश के दौरान मछली का शिकार करने नदियों में न जाने की सलाह दी। तहसीलदार जगमोहन त्रिपाठी ने कई गांवों में मुनादी कराई है। सिंचाई खंड के ईई बीसी नैनवाल ने बैगुल, सूखी, कैलाश नदी के तटबंधों पर सिंचाई कर्मी तैनात किए हैं।