कोटद्वार: महंगे स्कूलों की महंगी फीस में एक हिस्सा स्कूल बस की फीस का भी होता है। मां-बाप बच्चों की सुविधा के लिए स्कूल बस की फीस इसलिए देते हैं कि उनका बच्चा स्कूल सुविधा और सुरक्षा से पहुंच सके। लेकिन, मोटी फीस देने के बाद स्कूल बसों में बच्चों को जानवरों की तरह ठूंसा जा रहा है।
ऐसा ही एक मामला शनिवार को कोटद्वार में सामने आया। यहां ट्रैफिक पुलिस ने चेकिंग के लिए बलूनी पब्लिक स्कूल की बस को रोका तो अंदर का नजारा देखकर पुलिस भी दंग रह गई। 25 सीटर स्कूल बस में 40 बच्चों को ठूंसा गया था। पुलिस ने बस का ओवरलोडिंग में चालान कर चालक का लाइसेंस निरस्त करने की संस्तुति भी है।
ल्ेकिन, सवाल यह है कि स्कूल प्रबंधन के खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं की गई। चालक से ज्यादा जिम्मेदारी स्कूल प्रबंधन की होती है कि वो बस में बच्चों को पूरे नियमों के साथ बिठाएं और उनको सुरक्षित घर तक पहुंचाएं। देखना होगा कि पुलिस मामले में क्या कार्रवाई करती है।
टीआई जनक पंवार अपनी टीम के साथ ट्रैफिक व्यवस्था बनाने में जुटे थे। इस दौरान वाहनों की चेकिंग की जा रही थी। चेकिंग के दौरान टीम ने बलूनी पब्लिक स्कूल की बस को रोका। टीआई पंवार ने बताया कि चेकिंग के दौरान 25 सीटर बस में 40 बच्चे पाए गए।