उत्तराखंड की पर्वतीय घाटियों में जब हवा लोकगीतों की तरह बहती है, तो लगता है जैसे कोई बूढ़ी दादी कहानी सुना रही हो। लेकिन, वक्त की मार, पलायन की पीड़ा और नई पीढ़ी की अनभिज्ञता ने इन बोली-भाषाओं को हाशिये पर ला खड़ा कर दिया है। अब इसी खोती विरासत को नया जीवन देने के लिए सरकार ने कुछ ठोस …
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