उत्तराखंड में हर्षिका की अनोखी शादी. मोहन लखि जो बढ़त सुख, सो कछु कहत बनै न। नैनन कै रसना नहीं, रसना कै नहिं नैन श्रीकृष्ण को देखकर जैसा दिव्य आनंद प्राप्त होता है, उस आनंद का कोई वर्णन नहीं कर सकता, क्योंकि जो आँखें देखती हैं, उनके तो कोई जीभ नहीं है जो वर्णन कर सकें, और जो जीभ वर्णन …
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