गोपेश्वर: खेत हमें अन्न देते हैं। खेत चाहे अपने हों या ना हों, लेकिन हम खाते खेतों का ही हैं। धान, दाल और सब्जियां दवाओं से जल्द तैयार तो हो सकती हैं, लेकिन खेतों के बगैर नहीं। खेत हमारी परंपरा हैं, खेती हमारी संस्कृति और पूजा रही है। खेत और फसलें देवता से कम नहीं हैं। जिन खेतों में हम …
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