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पुलिस मामला रफा दफा करने पर तुली।
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कोलकाता कांड पर हड़ताल करने वाले डॉक्टर क्यों चुप हैं?
रुद्रपुर : कोलकाता में जूनियर डॉक्टर के रेप और मर्डर की वारदात को लेकर पूरे देश में गुस्सा है। आरोपी के पकड़े जाने के बाद भी लोग धरना प्रदर्शन कर रहे हैं।देशभर के डॉक्टरों ने हड़ताल की। काम रोका और इस कांड के लिए जिम्मेदार दोषी को सख्त से सख्त सजा देने की मांग की। स्वतः संज्ञान लेकर सुप्रीम कोर्ट ने पश्चिम बंगाल सरकार को कड़ी फटकार लगाई। वहां FIR से पहले पोस्टमार्टम हुआ और फिर 14 घंटे की देरी से FIR हुई। रुद्रपुर की नर्स के साथ ही भी दरिंदगी का मामला सामने आया था। उसकी लाश तब मिली, जब वो कंकाल बन चुकी थी। लोगों में इस घटना को लेकर भारी गुस्सा और आक्रोश है। लोग सड़कों पर प्रदर्शन कर रहे हैं। पुलिस की जांच ही सवालों के घरे में है। सवाल यह है कि आखिर रुद्रपुर की नर्स का न्याय कब मिलेगा?
खौफनाक वारदात
इससे पहले हाई कोर्ट ने इस केस की जांच पुलिस से लेकर सीबीआई को सौंप दी। केस का खुलासा भी लगभग हो गया है।लेकिन ठीक ऐसा ही एक मामला या यूं कहें कि इससे भी खौफनाक वारदात कोलकाता से 1357 किलोमीटर दूर उत्तरखंड के रुद्रपुर में अंजाम दी गई।जिसे लेकर वहां रोज धरना प्रदर्शन हो रहे हैं. पुलिस की कार्रवाई पर भी सवाल उठ रहे हैं।ये मामला है एक नर्स के साथ रेप और हत्या का।
मामला रफा दफा करने की कोशिश
यहां भी पुलिस मामला रफा दफा करने की कोशिश में हैं। जिसके खिलाफ छात्र,युवा,मजदूर,किसान और आम लोग सड़कों पर हैं।आंदोलन रोज तेज हो रहा है।लेकिन कोलकाता मामले में हड़ताल करने वाले डॉक्टरों और नर्सों की कोई आवाज उत्तराखंड की नर्स से बलात्कार के खिलाफ नहीं सुनाई पड़ रही है। क्यों? रुद्रपुर में इसके खिलाफ लगातार धरना प्रदर्शन हो रहा है।विधानसभा के मानसून सत्र के दौरान गैरसैंण में भी धरना प्रदर्शन हुआ।
वो घर नहीं लौटी
रुद्रपुर के एक बड़े निजी अस्पताल में तस्लीम नाम की एक नर्स काम करती थी। उसकी उम्र करीब 30 के आस-पास थी। 12 साल पहले उसकी शादी हुई थी। लेकिन बाद में उसका तलाक हो गया था। वो रोज अपने तय वक्त पर अस्पताल जाती थी और वापस घर आती थी। 30 जुलाई को भी वो अपने घर से समय पर निकली थी। लेकिन शाम हो जाने के बाद भी वो घर नहीं लौटी। उसका फोन भी नहीं लग रहा था।
अस्पताल वालों ने नहीं की मदद
घरवालों ने अस्पताल और उसके जान पहचान वालों को कॉल किए। उनसे उसके बारे में पूछा। लेकिन उसका कुछ पता नहीं चला. रातभर उसके परिजन उसे तलाश करते रहे। लेकिन वो नहीं मिली। आरोप है कि अस्पताल वालों ने परिजनों की कोई मदद नहीं की और न उनकी सुनवाई हुई। 31 जुलाई को की नर्स तस्लीम की बहन परिजनों के साथ रुद्रपुर कोतवाली पहुंची और उसने वहां अपनी बहन की गुमशुदगी दर्ज कराई।अब घरवालों के साथ-साथ पुलिसवाले भी नर्स की तलाश में जुट गए और मामले की जांच शुरू कर दी।
कंकाल बन चुकी थी लाश
उत्तराखंड पुलिस उधम सिंह नगर जिले में नर्स की तलाश कर ही रही थी कि 8 अगस्त को यूपी के रामपुर जिले की बिलासपुर थाना पुलिस को वसुंधरा एनक्लेव रोड पर झाड़ियों में एक कंकाल बन चुकी लाश मिली। ये वो लाश जिस हाल में मिली थी, उसकी पहचान करना मुश्किल था क्योंकि उसका चेहरे की खाल पूरी तरह से खत्म हो चुकी थी। खोपड़ी साफ नजर आ रही थी।लाश नहीं,नरकंकाल थी।लापता नर्स के रूप में उसकी शिनाख्त हुई और आनन फानन में पुलिस ने एक व्यक्ति को गिरफ्तार कर मामला सुलझा लेने का दावा कर दिया।
खबर पूरे राज्य में फैल चुकी थी
30 जुलाई से 8 अगस्त के बीच नर्स की गुमशुदगी की खबर पूरे राज्य में फैल चुकी थी। रुद्रपुर समेत पूरे जिले में लोग सड़कों पर उतर आए थे।जब नर्स के साथ रेप और उसकी हत्या की खबर निकलकर सामने आई तो लोगों को गुस्सा बढ़ गया। जगह जगह धरना प्रदर्शन होने लगे। इसपर 14 अगस्त को पुलिस ने इस मामले का खुलासा करने का दावा किया।
पुलिस की कहानी पर यकीन नहीं था
किसी को भी पुलिस की कहानी पर यकीन नहीं था। नर्स के परिवारवालों को कहना था कि जो खुलासा पुलिस ने किया है, वो झूठा है।जिसे आरोपी बनाकर पुलिस ने मीडिया के सामने पेश किया, वो एक नशेड़ी है, जिसे जुर्म कबूल करने के लिए पुलिस ने मजबूर किया है। कुल मिलाकर मृतक नर्स के परिवार और जनता को पुलिस की कहानी पर भरोसा नहीं था। इसलिए अब जनता का गुस्सा पुलिस पर भी निकला।लोग पुलिस के खिलाफ भी प्रदर्शन करने लगे।
परिजनों ने उठाई CBI जांच की मांग
पुलिस के खुलासे पर मृतक नर्स के परिजन लगातार सवाल उठा रहे थे। वे लगातार सीबीआई जांच की मांग कर रहे हैं।इस दौरान इस मामले में कांग्रेस, छात्र संघ समेत कई संगठन भी पुलिस के खिलाफ मुखर हो गए हैंl
छात्रों ने इस मामले की सीबीआई जांच की मांग को लेकर एसएसपी कार्यालय पर भी प्रदर्शन किया, जिसमें मृतक नर्स के परिजन भी शामिल हुए।