उत्तरकाशी: कुछ ही लोग होते हैं, जो अपने हौसले और साहस मुकाम हासिल करते हैं और समाज के सामने उदाहरण पेश करते हैं। बिहार के दशरथ मांझी दुनिया के लिए मिसाल हैं। उनकी तरह हौसला हर किसी के पास नहीं होता। ऐसा ही एक युवक उत्तरकाशी जिले के फुवाण गांव का गबर सिंह भी है। गबर सिंह ने अकेले ही दो किलोमीटर पहाड़ काट डाला और गांव तक सड़क पहुंचा दी।
गबर अपने गांव वालों के लिए किसी फरिश्ते से कम नहीं हैं। इससे पहले लोगों को गांव तक पहुंचने के लिए दो किलोमीटर पैदल चढ़ाई चढ़नी पड़ती थी। गांव में गुरुवार को पहला वाहन पहुंचा तो ग्रामीण खुशी से झूम उठे। उन्होंने गबर सिंह को फूल-मालाओं से लाद दिया और कंधों पर उठा लिया।
गांव में समारोह आयोजित कर गबर सिंह को सम्मानित भी किया गया। गांव वालों का कहना है कि राज्य गठन के बाद क्षेत्र को चार विधायक मिले हैं, लेकिन किसी ने भी गांव के लोगों से किए वायदे को नहीं निभाया। जनप्रतिनिधियों के छलावे से परेशान गांव के युवा गबर सिंह रावतने गांव तक सड़क पहुंचाने का संकल्प लिया।
विकासखंड के फुवाण गांव के 45 परिवार लंबे समय से गांव को सड़क से जोड़ने की मांग कर रहे थे। आज तक न तो शासन प्रशासन ने ग्रामीणों की बात सुनी और न ही किसी जनप्रतिनिधि ने। किसी व्यक्ति के बीमार होने पर लोग उसे घोड़े खच्चर और चारपाई के सहारे सड़क तक पहुंचाते थे। इसी पीड़ा को दूर करने का संकल्प गबर ने लिया था। अब छोटे वाहन आसानी से गांव तक पहुंच सकते हैं।