Wednesday , 4 December 2024
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उत्तराखंड : शशि मोहन ‘रवांल्टा’ को मिला ‘हिल रत्न’ सम्मान, युवाओं के लिए रोल मॉडल

  • प्रदीप रावत ‘रवांल्टा’

पांचजन्य के आर्ट डायरेक्टर शशि मोहन रवांल्टा को हिल मेल की ओर से हिल रत्न सम्मान से सम्मानित किया गया है। शशि को यह सम्मान दिल्ली में आयोजित हिल मेल के रैबार कार्यक्रम में दिया गया। इससे पहले भी शशि मोहन रवांल्टा को कई अन्य सम्मान भी मिल चुके हैं।

शशि मोहन रवांल्टा। दिल्ली में रहते हैं, लेकिन दिल हमेशा अपने उत्तराखंड और अपनी थाती-माटी के लिए धड़कता है। उन्होंने रिवर्स माइग्रेशन की मिसाल पेश की। अपनी संस्कृति के प्रति उनका लगाव किसी से छुपा नहीं है। उनको हमेशा ही अपने लोक की चिंता रहती है। केवल चिंता ही नहीं, बल्कि उन्होंने धरातल पर भी काम करके दिखाया।

शशि ने नौगांव में रवांई लोक महोत्सव की शुरूआत की। यह महोत्सव रंवाई में एक नई सोच के साथ शुरू किया गया। रवांई लोक महोत्सव ने रवांई घाटी के युवा कलाकारों को मंच दिया। कई ऐसे कलाकार भी हैं, जिनको पहली बार रवांई लोक महोत्सव के रूप में एक बड़ा प्लेफार्म मिला।

रवांई लोक महोत्सव के अलावा शशि सांस्कृतिक गतिविधियों में भी हमेशा से अग्रणी भूमिका में रहते हैं। जब भी मौका मिलता है, वे अपनी सहभागिता निभाने के लिए तत्पर और समर्पित रहते हैं। यही बात उनको अन्य लोगों से अलग बनाती है। रवांई लोक महोत्सव में रवांल्टी कवि सम्मेलन की पहल भी शशि ने ही की। इस तरह से लोक भाषा रवांल्टी के संवर्धन में भी उनकी अहम भूमिका रहती है।

शशि मोहन रवांल्टा उत्तराखंड के युवा लेखकों और रचनाकारों को मंच देने में भी अहम भूमिका निभा रहे हैं। उन्होंने अपनी पत्नि सीमा के साथ मिल कर हिमांतर पब्लिकेशन की शुरूआत की। इसके जरिए अब कम खर्च पर अच्छी क्वालिटी के पेपर पर किताबों का प्रकाशन कर रहे हैं। इससे उभरते हुए रचनाकारों को सहूलियत मिल रही है।

रिवर्स माइग्रेशन की बातें जरूर होती हैं, लेकिन शशि ने असल मायने में रिवर्स माइग्रेशन किया और उसका लाभ क्षेत्र के सैकड़ों बच्चों को मिल रहा है। शशि की पत्नी आईटी क्षेत्र में अच्छी पोजिशन पर जॉब करती थी, उन्होंने नौकरी छोड़कर दिल्ली से पहाड़ की गाड़ी पकड़ी और सीधे नौगांव पहुंच गई।

नौगांव में शशि मोहन रवांल्टा और उनकी पत्नी सीमा ने एक ऐसे स्कूल का सपना बुना, जिसमें बच्चों को सस्ती और अच्छी शिक्षा मिल सके। उन्होंने अपने सपने को पूरा करने के लिए दिन-रात एक किया और नौगांव में यमुना वैली पब्लिक स्कूल खोला, जो आज निरंतर बच्चों को अच्छी और सस्ती शिक्षा दे रहे हैं।

पत्रकारिता की बात करें तो शशि मोहन रवांल्टा का सफर शानदार रहा और अनवरत रूप से जारी है। वर्तमान में शशि पांचजन्य जैसे प्रतिष्ठित संस्थान में आर्ट डायरेक्टर के रूप में काम कर रहे हैं। इससे पहले हिन्दूस्तान समेत कई बड़े समाचार पत्रों की डिजाइनिंग टीम को लीड कर चुके हैं। अखबारों में डिजाइनिंग में नए क्लेवर और फ्लेवर को लाने में शशि की अहम भूमिका रही है। इसके अलावा वो लगातार विभिन्न पत्रिकाओं में भी लिखते रहते हैं।

शशि मोहन रवांल्टा उन लोगों में शामिल हैं, जो हर वक्त लोगों की मदद के लिए तैयार रहते हैं। जब भी किसी को मदद की जरूरत पड़ती है, शशि एक फोन कॉल पर उपलब्ध रहते हैं। दिल्ली हो या देहरादून या फिर देश के किसी दूसरे कोने में हर जगह मदद का रास्ता खोज निकालते हैं।

About प्रदीप रावत 'रवांल्टा'

Has more than 19 years of experience in journalism. Has served in institutions like Amar Ujala, Dainik Jagran. Articles keep getting published in various newspapers and magazines. received the Youth Icon National Award for creative journalism. Apart from this, also received many other honors. continuously working for the preservation and promotion of writing folk language in ranwayi (uttarakhand). Doordarshan News Ekansh has been working as Assistant Editor (Casual) in Dehradun for the last 8 years. also has frequent participation in interviews and poet conferences in Doordarshan's programs.

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