देहरादून : विधानसभा चुनाव तारीखों का ऐलान हो चुका है। नामांकन प्रक्रिया चल रही है। राजनीतिक दल अपने-अपने सिपाहियों को चुनावी मैदान में उतारने की तैयारियों में जुटे हैं। आम आदमी पार्टी और यूकेडी कुछ नामों का ऐलान कर चुके हैं।
जबकि राज्य के सबसे बड़े दल भाजपा और कांग्रेस ने अब तक अपने पत्ते नहीं खोले हैं। दोनों ही दलों में बगावत का खतरा मंडरा रहा है। उस खतरे से निपटने के लिए बैकअप प्लान तैयार किए जा रहे हैं।
इस बीज बड़ी खबर सामने आ रही। खबर कांग्रेस के खेमे से हैं। कांग्रेस को बड़ा झटका लग सकता है। कांग्रेस इसके लिए पहले से ही तैयार थी। कांग्रेस को पता था की महिला कांग्रेस की अध्यक्ष सरिता आर्य, यशपाल आर्य और उनके बेटे संजीव आर्य की वापसी के बाद से ही नाराज चल रही थी।
महिला कांग्रेस अध्यक्ष सरिता आर्य भाजपा का दामन थाम सकती हैं। बीती रात उन्होंने प्रदेश भाजपा के चुनाव प्रभारी और केंद्रीय मंत्री प्रल्हाद जोशी से मुलाकात की।
सरिता आर्य पिछला चुनाव नैनीताल सुरक्षित सीट से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ी थी, लेकिन इस बार उनका टिकट कटना तय माना जा रहा है। चुनाव से ठीक पहले नेताओं का दल बदलने का सिलसिला तेज होता जा रहा है।
पूर्व विधायक सरिता आर्य भाजपा में शामिल हो सकती हैं। माना जा रहा है कि आर्य भाजपा हाईकमान से टिकट के पक्का होने के बाद ही पार्टी को अलविदा कहेंगी।
पूर्व विधायक सरिता आर्य टिकट न मिलने पर पार्टी छोड़ने का पहले ही एलान कर चुकी हैं। उन्होंने पत्रकारों से बातचीत में ये बात कही थी कि नैनीताल सीट से टिकट को लेकर वह कोई समझौता नहीं करेंगी।
बीते साढ़े चार वर्षों में उन्होंने नैनीताल सीट को मेहनत से सींचा है। पार्टी का प्रतिनिधित्व कर वह चुनाव की तैयारी कर रही हैं। अगर शीर्ष नेतृत्व द्वारा उन्हें टिकट नहीं दिया गया तो वह पार्टी छोड़ देंगी। इसके बाद से ही कांग्रेस में हलचल बढ़ गई थी।