Monday , 23 December 2024
Breaking News

उत्तराखंड: हाकम का माया-जाल, पूर्व CM और मंत्री-विधायकों से लेकर अधिकारियों तक के साथ फोटो वायरल

  • क्या हाकम पर कार्रवाई होगी या फिर उसे बचा लिया जाएगा?

  • हाकम सिंह की पूर्व CM त्रिवेन्द्र रावत और DGP के साथ फोटो वायरल.

देहरादून: भाजपा का जिला पंचायत सदस्य हाकम सिंह रावत पेपर लीक मामले में पकड़ा जा चुका है। हाकम एसटीएफ से बचने का प्रयास कर रहा था। लेकिन, वो बच नहीं पाया। हाकम हाथ कैसे आया, यह भी फिलहाल रहस्य बना हुआ है। अब कई तरह के सवाल उठ रहे हैं। साथ ही हाकम के साथ बड़े-बड़े नेताओं की तस्वीरें और पुलिस के आला अधिकारियों के साथ फोटो सोशल मीडिया में वायरल हो रही है।

उत्तराखंड ब्रेकिंग: गिरफ्तारी के बाद हाकम BJP से बाहर

सवाल उठ रहे हैं कि क्या हाकम पर कार्रवाई होगी या फिर उसे बचा लिया जाएगा? सवाल उठ रहा है कि जिस आरोपी को एसटीएफ और पुलिस खोज रही हो और जिसका इंतजार जिला पंचायत उत्तरकाशी भ्रष्टाचार मामले में बयान दर्ज कराने के लिए एसआईटी कर रही हो, आखिर वो पुलिस के की नजरों से कैसे वो बच निकला? और दोनों ही जांच टीमें उसका बस इंतजार करती रह गई।

मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो हाकम सिंह रावत 9 अगस्त को ही बैंकॉक से इंदिरा गांधी एयरपोर्ट और फिर जौली ग्रांट एयरपोर्ट पर और फिर वहां से नैटवाड़ पहुंचा। मगर एसटीएफ सोई रही। उसके एसटीएफ ने नैटवाड़ इंटर कॉलेज के टीचर को अरेस्ट किया। जांच में पता चला कि वही हाकम सिंह का सबसे खास है और पेपर सॉल्वर भी है। बताया जा रहा है कि हाकम सिंह भी नैटवाड़ा में ही कहीं छिपा था।

उत्तराखंड विकास पार्टी के अध्यख मुजी नैथानी ने भी सवाल खड़े किए हैं। उनका कहना है कि एसटीएफ टीम ने जब उसके सबसे खास गुर्गे को पकड़ लिया था, तो हाकम कैसे बच निकला। उसकी गिरफ्तारी के कुछ घंटों के बाद ही हाकम भी नैटवाड़ से मोरी ओर फिर वहां से हिमाचल की ओर भाग निकला। लेकिन, इस बीच जब पूरा मामले चर्चाओं में आया तो हाकम को दो किलोमीटर आगे रोक लिया गया। हाकम सिंह ने टोयोटा इनोवा कार से हिमाचल भागने की कोशिश की। मगर मोरी पुलिस की सक्रियता से हाकम सिंह को पकड़ लिया गया ।

हाकम सिंह को हिरासत में लिए जाने बावजूद उत्तरकाशी के पुलिस कप्तान इस विषय पर कुछ बताने को तैयार नहीं थे। हाकम सिंह भाजपा का जिला पंचायत सदस्य है और प्रदेश भाजपा में गहरी पकड़ रखता है। इतनी गहरी पकड़ रखता है कि वन दरोगा भर्ती घोटाले में जो ब्लूटूथ घोटाला हुआ था, उसमें मंगलौर हरिद्वार थाने में जो एफआईआर दर्ज हुई थी। उसमें हाकम सिंह का नाम था। मगर उसके बाद हाकम सिंह का नाम वहां से ही गायब हो गया।

बताया जा रहा है कि हाकम सिंह अपने रिजॉर्ट में बड़े बड़े अधिकारियों की खूब आवभगत करता था। इस केस में भी बिजनौर में पेपर हल कराने की बात सामने आ रही है। एसटीएफ हार्ड डिस्क से प्रिंटिंग के समय की वीडियो रिकॉर्डिंग तो गायब बताया जाना और अब हाकम सिंह के मामले में लापरवाही बरतना बता रहा है कि अब एसटीएफ पर दबाव पड़ने लग गया है। क्योंकि अब जांच की आँच भाजपा के बड़े नेताओं तक पहुँच सकती है, तो क्या भ्रष्टाचार के बड़े हाकम को एसटीएफ छोड़ देगी या कुछ करेगी ये भविष्य के गर्भ में है ।

इससे एक और जो बड़ी बात है। वह यह है कि उत्तराखण्ड विकास पार्टी के अध्यक्ष मुजीब नैथानी ने पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं। उन्होंने कहा कि बिल्कुल स्पष्ट हो चला है कि भारतीय जनता पार्टी भ्रष्टाचार जनता पार्टी है और जिस तरीके से नौकरियों में भ्रष्टाचार किया जा रहा है और धीरे-धीरे हाकम सिंह रावत जैसे भाजपा के पदाधिकारियों के नाम इस भ्रष्टाचार में आ रहे हैं, वह स्पष्ट कर देता है कि भारतीय जनता पार्टी को युवाओं के हितों से कोई लेना देना नहीं है।

मुजीब नैथानी ने कहा कि त्रिवेंद्र सिंह रावत के कार्यकाल में उत्तराखण्ड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के अध्यक्ष आरबीएस रावत के द्वारा पत्र लिखा गया था कि आयोग के सदस्य उन पर नियुक्तियों के लिए दबाव बना रहे हैं और ऐसी नियुक्तियां ना होने पर वह भर्ती को रद्द करना चाहते हैं अतः भर्ती रद्द ना की जाए। मगर त्रिवेंद्र रावत ने उस पत्र पर कोई कार्यवाही ना करते हुए भर्तियां रद्द कर दी।

आयोग पर उठती उंगलियों से क्षुब्ध होकर आरबीएस रावत ने इस्तीफा दे दिया था। स्पष्ट है कि त्रिवेंद्र रावत का भर्तियों में अनियमितता कराना ही मुख्य उद्देश्य था जिसकी पूर्ति ना होने पर आयोग के अध्यक्ष के आग्रह के बावजूद उनके द्वारा भर्तियों को रद्द कर दिया गया और जिससे युवाओं का भविष्य अंधकार में चला गया।

त्रिवेंद्र रावत कार्यकाल में वन दरोगा पद पर ब्लूटूथ के माध्यम से भर्ती घोटाला हुआ था, जिसमें मंगलौर हरिद्वार में दर्ज एफआईआर में हाकम सिंह का नाम प्रमुख था, मगर हाकम सिंह की त्रिवेंद्र रावत के साथ करीबियों के चलते जाँच अधिकारियों पर दबाव बना कर जाँच से हाकम सिंह रावत का नाम ही हटा दिया गया। यह बताता है कि त्रिवेंद्र रावत सीधे-सीधे आयोग में की जा रही भर्तियों के भ्रष्टाचार में शामिल हैं ।

यद्यपि कई पुलिस अधिकारी भी इसमें शक के दायरे में हैं जो येन केन प्रकारेण सत्ता का आनंद लेने के चक्कर में संविधान की बजाय इन नेताओं की मिजाजपुर्सी करते रहते हैं, जिसके क्रम में क्राइम स्टोरी के सम्पादक, पत्रकार राजेश शर्मा को रात को बिन किसी वारंट के उठा ले जाना और देशद्रोह जैसी धाराओं में झूठा मुकदमा दर्ज कराना तक शामिल है। मुजीब नैथानी ने इन सभी भर्तियों की सीबीआई जाँच की मांग भी की।

उन्होंने कुछ तस्वीरें भी साझा की हैं, जिनमें उत्तराखंड पुलिस के आला अधिकारी हाकम सिंह के साथ उसके रिसॉर्ट में नजर आ रहे हैं। उनके साथ उनकी पत्नी भी है। जिस तरह से फोटो सामने आई हैं। उससे यह लग रहा है कि डीजीपी के साथ भी उनको नजदीकियां हैं। उनका कहना है कि सवाल यह है कि क्या इससे जांच प्रभावित होने का खतरा नहीं है? सीएम धामी को इस मामले का भी संज्ञान लेना चाहिए।

About प्रदीप रावत 'रवांल्टा'

Has more than 19 years of experience in journalism. Has served in institutions like Amar Ujala, Dainik Jagran. Articles keep getting published in various newspapers and magazines. received the Youth Icon National Award for creative journalism. Apart from this, also received many other honors. continuously working for the preservation and promotion of writing folk language in ranwayi (uttarakhand). Doordarshan News Ekansh has been working as Assistant Editor (Casual) in Dehradun for the last 8 years. also has frequent participation in interviews and poet conferences in Doordarshan's programs.

Check Also

उत्तराखंड: विदाई से पहले मानसून दिखा रहा तेवर, 7 जिलों के रेड, 6 जिलों के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी

देहरादून: मानसून जाने से पहले तेवर दिखा रहा है। मौसम विभाग की ओर से प्रदेश …

error: Content is protected !!