देहरादून: अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की स्नातक स्तरीय परीक्षा में पेपर लीक मामले में लखनऊ की आरएमएस टेक्नो सॉल्यूशंस पर शिकंजा कसने की तैयारी शुरू हो गई है। कंपनी से काम लेना बंद कर दिया गया। साथ ही एसटीएफ ने भी कंपनी के निदेशक सहित अन्य अधिकारियों को पूछताछ के लिए बुलाया है। पेपर लीक मामले में मुख्य आरोपी माना जा रहा हाकम सिंह सलाखों के पीछे पहुंच गया है। लेकिन, अब भी इस मामले कई और लोगों की गिरफ्तारियां तय मानी जा रही है। इस
पेपर लीक मामले की जांच एसटीएफ ने शुरू की और सिर्फ दो दिनों के भीतर खुलासा कर दिय। इस मामले में अब तक 18 आरोपियों की गिरफ्तारी हो चुकी है। इसमें कंपनी के भी दो कर्मचारी शामिल हैं। एसटीएफ ने पेपर प्रिंट करवाने वाली कंपनी आरएमएस टेक्नो सॉल्यूशंस कंपनी के निदेशक सहित कई अधिकारियों से पहले लखनऊ में पूछताछ की गई थी। अब एसटीएफ ने सभी को पूछताछ के लिए देहरादून बुलाया है।
इधर मीडिया रिपोर्टों में कहा गया है कि आयोग से हटाए गए सचिव संतोष बडोनी का कहना है कि अध्यक्ष एस राजू के कार्यकाल में ही आयोग ने कंपनी से कोई काम न कराने का फैसला ले लिया था। लेकिन, कंपनी को अभी ब्लैक लिस्ट नहीं किया गया है। पुलिस से रिपोर्ट आने के बाद ब्लैकलिस्ट की कार्रवाई की जाएगी। सवाल यह है कि किसके दबाव में कंपनी से काम लिया जा रहा था।
यह बात अलग है कि एस राजू में इस भर्ती में कोई अरोप फिलहाल नहीं लगा है। लेकिन, अपने विवादित फैसलों के लिए वो पहले भी जाने जाते रहे हैं। शिक्षा विभाग बैकलॉग भर्ती विवाद उन्हीं जुड़ा रहा। इसके अलावा कुछ अन्य फैसले भी उनके शिक्षा विभाग में बतौर सचिव रहते विवादित रहे थे।