Friday , 15 November 2024
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उत्तराखंड: एक अस्पताल से दूसरे अस्पताल में रेफर करते रहे डॉक्टर, गर्भवती को गंवानी पड़ी जान

उत्तराखंड: एक अस्पताल से दूसरे अस्पताल में रेफर करते रहे डॉक्टर, गर्भवती को गंवानी पड़ी जान

उत्तराखंड: एक अस्पताल से दूसरे अस्पताल में रेफर करते रहे डॉक्टर, गर्भवती को गंवानी पड़ी जान

चंपावत: सरकार और स्वास्थ्य मंत्री धन सिंह रावत बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं के भले ही कितने ही दावे क्यों ना करें, लेकिन सच यह है कि बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं के अभाव में लोगों को अपनी जानें गंवानी पड़ रही हैं। ऐसा ही एक मामला चंपावत जिले के लोहाघाट तल्ली चानमारी की गर्भवती महिला का सामने आया है। गर्भवती की जान रेफर-रेफर के खेल में चली गई। गर्भवती महिला एक अस्पताल से दूसरे और दूसरे से हायर सेंटर रेफर कर दी गई। समय पर इलाज नहीं मिलने से उसकी मौत हो गई। जिला अस्पताल की दो गायनाकोलॉजिस्ट अवकाश पर होने से गर्भवती को जान गंवानी पड़ी।

उत्तराखंड: एक अस्पताल से दूसरे अस्पताल में रेफर करते रहे डॉक्टर, गर्भवती को गंवानी पड़ी जान
उत्तराखंड: एक अस्पताल से दूसरे अस्पताल में रेफर करते रहे डॉक्टर, गर्भवती को गंवानी पड़ी जान

जानकारी के अनुसार अमिशा (26) निवासी तल्ली चानमारी लोहाघाट को रविवार रात प्रसव पीड़ा होने लगी। रात एक बजे परिजन उसे गंभीर हालत में उप जिला चिकित्सालय लोहाघाट ले गए। गर्भवती को अस्पताल में भर्ती किया गया, लेकिन उसकी गंभीर स्थिति को देखते हुए चिकित्सकों ने उसे हायर सेंटर भेज दिया।

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अगले दिन तड़के करीब 3:20 बजे गर्भवती को चंपावत अस्पताल में लाया गया। इसके बाद जिला अस्पताल की एलएमओ ने उनका प्राथमिक इलाज शुरू किया। बताया गया कि 10 से 15 मिनट में प्रसव हो जाएगा। इसके बाद किसी तरह एलएमओ ने उसका प्रसव कराया। उस समय गर्भवती चिकित्सक से बात कर रही थी। उसके कुछ देर बाद गर्भवती को रक्तस्राव होने लगा और BP भी कम होने लगा। उसकी स्थिति को देखते हुए हायर सेंटर रेफर किया गया, लेकिन अस्पताल पहुंचने से पहले ही उनकी मौत हो गई है।

परिजन उसके शव को वापस ले आए। प्रभारी पीएमएस डॉ. प्रदीप बिष्ट ने बताया कि गर्भवती के तीमारदारों को अस्पताल में गायनाकोलॉजिस्ट के नहीं होने की जानकारी दे दी गई थी। प्लेसेंटा बाहर नहीं निकलने से अधिक रक्तस्राव हो गया था। उसका बीपी कम हो गया था। गंभीर हालत में मां को रेफर करना पड़ा। बाद गर्भवती महिला का पूर्व में ऑपरेशन से बच्चा हो चुका है। रेफर करने के बाद उसकी निजी अस्पताल में मौत हो गई।

About प्रदीप रावत 'रवांल्टा'

Has more than 19 years of experience in journalism. Has served in institutions like Amar Ujala, Dainik Jagran. Articles keep getting published in various newspapers and magazines. received the Youth Icon National Award for creative journalism. Apart from this, also received many other honors. continuously working for the preservation and promotion of writing folk language in ranwayi (uttarakhand). Doordarshan News Ekansh has been working as Assistant Editor (Casual) in Dehradun for the last 8 years. also has frequent participation in interviews and poet conferences in Doordarshan's programs.
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