देहरादून: इन दिनों उत्तराखंड अधीनस्त चयन सेवा आयोग पेपर लीक कांड की ही चर्चा हो रही है। लगातार नए-नए खुलासे हो रहे हैं। इस बीच विजिलेंस भी अब एक्शन मोड़ में नजर आ सकती है। विजिलेंस ग्राम पंचायत अधिकारी (VDO) भर्ती परीक्षा में हुई धांधली मामले के बहुत जल्द इसमें शामिल लोगों की गिरफ्तारी कर सकती है।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार करीब ढाई साल से भी अधिक समय की जांच के बाद विजिलेंस जल्द इस मामले में पहली गिरफ्तारी कर सकती है। इसमें भी बड़े-बड़े अधिकारियों और सफेदपोशों के शामिल होने की आशंका जताई जा रही है।
उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग ने वीडीओ पद के लिए 2015 में परीक्षा कराई थी। परीक्षा में धांधली का आरोप लगा तो इसे रद्द कर दिया गया। अगले साल इस परीक्षा को फिर से आयोजित कराया गया। रिजल्ट आया तो पहले साल टॉपर बने अभ्यर्थी एकाएक सबसे नीचे आ गए। इससे पुष्टि हो गई परीक्षा में धांधली हुई थी।
जांच में यह बात भी सामने आई है। जिसमें कहा गया कि परीक्षा में ओएमआर शीटों में छेड़छाड़ की गई थी। सेटिंग वाले अभ्यर्थियों के ओएमआर शीट में गोले काले कर दिए गए। इससे वह टॉपर बन बैठे। इसके बाद जांच को विजिलेंस के हवाले कर दिया गया। विजिलेंस ने अपने स्तर से जांच की और जनवरी 2020 में मुकदमा दर्ज कर लिया गया।