दिगबीर बिष्ट
पहाड़ी फल काफल। जिसने एक बार चख लिया वो इसका आनंद बार-बार लेना चाहता है। इस बार काफल के पेड़ फलों से लद-कद हैं। औषधीय गुलों से भरपूर भरपूर काफल के ताजे फलों को खाने का मजा ही अलग है। काफल समुद्रतल से करीब 1500 मीटर से लेकर 2500 मीटर तक कि ऊंचाई पर पाया जाता है।
पर्यावरण के हिलाज से भी काफल बेहद उपयोगी है। काफल के पेउ़ में पानी को अपनी जड़ों में संभाले रखने की क्षमता होती है। प्राकृतिक जलश्रोतों को निरंतर बनाये रखने के लिए अति महत्वपूर्ण होता है।
काफल के पेड़ की छाल का प्रयोग चर्मशोधन (टैंनिंग) के लिए भी किया जाता है। काफल का फल गर्मी में शरीर को ठंडक प्रदान करता है। साथ ही इसके फल खाने से शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है। हृदय रोग, मधुमय रोग उच्च एंव निम्न रक्त चाप को भी नियंत्रित करता है। काफल का सेवन कोरोना से बचने में उपयोगी याबित हो सकता है।